भोजपुर में सामंतों ने दलित महिला की गोली मारकर हत्या की, 11 जून को माले का विरोध

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बिहार के भोजपुर के उदवंतनगर थाना के सेवागार में सामंती-दबंगों ने 9 जून को दलित महिला देववंती देवी की गोली मारकर हत्या कर दी। और कई लोगों की बुरी तरह से पिटाई की। भाकपा माले की एक जांच टीम आज सेवागार पहुंची और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। जांच टीम में भाकपा-माले विधायक सुदामा प्रसाद के अलावा केंद्रीय कमिटी के सदस्य राजू यादव, आरा नगर सचिव दिलराज प्रीतम, अजय गांधी, रामानुज कुमार, शिवमंगल यादव आदि शामिल थे।

भाकपा माले ने सेवगार हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त सूरज सिंह की गिरफ्तारी और मृतक परिजन को 20 लाख मुआवजे व घायलों के समुचित इलाज की मांग पर 11 जून को पूरे भोजपुर में प्रतिवाद आयोजित करने का ऐलान किया है।

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार में दलित-गरीबों पर सामंती-अपराधियों के हमले अनवरत जारी हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। भोजपुर के सेवागार में हुई हत्या की वारदात से पहले हाल के दिनों में रूपनचक जनसंहार से लेकर मधुबनी, मुजफ्फरपुर के बरूआरी, पश्चित चंपारण के विभिन्न गांवों में सामंती-अपराधियों की दबंगई को हम सबने देखा, जिसमें जनसंहार से लेकर दलितों की बर्बर पिटाई की गई। अपराध की घटनाओं में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। भाजपा-जदयू सरकार इन घटनाओं को नियंत्रित क्या करेगी, वह तो खुद अपराधियों को संरक्षण देने का काम रही है। बिहार की जनता इस सरकार को आने वाले दिनों में जरूर सबक सिखाएगी।

जांच टीम के हवाले से विधायक सुदामा प्रसाद ने बताया कि यह मामला सामंती दबंगई का सबसे बड़ा उदाहरण है। राजपूत जाति से आने वाले दबंगों ने सेवगार के दलित टोले के रास्ते को जटई के कांटे से 8 जून की रात में घेर दिया था। लेकिन रात में ही उन कांटों को हटा दिया गया। इसी से आगबबूला होकर दबंगों ने दलित-गरीबों पर हमला कर दिया। हमले में मीना देवी, पति-बाबूलाल पासवान, उम्र- 40 वर्ष; प्रेभभूषण पासवान, पिता -बाबूलाल पासभावन और जमुना पासवान, पिता- स्व. बिहारी पासवान को बुरी तरह से पीटकर घायल कर दिया गया। मारपीट की घटना को दबंगों ने बीच रास्ते में अंजाम दिया। इस बीच, मुहल्ले में आकर अपराधियों ने देववंती देवी (40 वर्ष) को पीछे से गोली मार दी, जिसके कारण घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई। उनके परिवार में चार छोटे-छोटे बच्चे हैं।

इस मामले में सूरज सिंह, पिता-मिथलेश सिंह सहित कई लोगों पर मुकदमा दायर हुआ है। 4 अपराधियों की गिरफ्तारी हुई भी है, लेकिन मुख्य अभियुक्त सूरज सिंह अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सका है।

माले विधायक ने कहा कि सेवगार में 8 बीघा बिहार सरकार की जमीन है, जिसमें गांव के दबंगों ने बग़ीचा लगाया है और खेती करते हैं। अपना कब्जा मजबूत बनाने के लिए रास्ते को बन्द करने का प्रयास किया, जिसका गरीबों ने विरोध किया। पार्टी नेताओं के प्रयास से कृष्णा पासवान को चार लाख अड़तालिस हजार रुपया मुआवजा मिला। सूरज सिंह सहित छह हत्यारों पर मुकदमा किया गया, जिनमें से चार गुंडों की गिरफ्तारी हुई है। 11 जून को पूरे जिले में प्रतिरोध दिवस मनाया जाएगा।

 

माले विधायक ने कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार में सामंतों-अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर। दो दिन पहले आरा के गौसगंज के युवक मिथुन पासवान की सत्तासंरक्षित अपराधियों ने गोलियों से छलनी कर, बर्बर हत्या कर दी थी। इसके पहले भोजपुर में सारा मुसहरी में मुसहर समुदाय के लोगों पर भी इसी किस्म के बर्बर हमले किए गए। चरपोखरी में रेप की घटना को अंजाम दिया गया। आरा शहर के गौसगंज मुहल्ले में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे है।


विज्ञप्ति पर आधारित