देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री केवडिया में थे, जहां उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि दी.
इस यात्रा के मद्देनज़र बुधवार रात मोदी के गुजरात पहुंचने से पहले राज्य प्रशासन ने कई मानवाधिकार और आदिवासी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है जिनमें राजपीपला से डॉ.प्रफुल्ल वसावा, वडोदरा से रोहित रोहित प्रजापति, सूरत से कृष्णकांत, वागडिय़ा गांव से शैलेश तडवी, शिर गांव से गिकुभाई तडवी, केवडिया गांव से नरेशभाई तडवी और नरोडाभाई तडवी और गोरा गांव से रामकृष्ण तडवी शामिल हैं.
Gujarat human rights, tribal activists detained ahead of Modi reaching Statue of Unity https://t.co/i4nPNySZbk
— Counterview (@CounterviewNet) October 30, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की नींव रखी थी. यह पिछले साल बनकर तैयार हुई थी और पीएम मोदी ने 31 अक्टूबर को इसका उद्घाटन किया था. आज स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की पहली वर्षगांठ है. एक साल पहले आज ही के दिन जब प्रधानमंत्री इसके उद्घाटन के लिए गए तब इस मूर्ति की वजह से विस्थापित हो चुके हजारों लोगों ने इसका विरोध किया था कर उस समय भी पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था.
इन कार्यकर्ताओं को बंध और विरोध करने के संदेह पर हिरासत हिरासत में लिया है. गौरतलब है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में एक पर्यटन परियोजना के लिए आदिवासियों की 1,100 एकड़ जमीन को जबरन अधिग्रहित किया जा चुका है और 800 एकड़ जमीन लेने की योजना है.
भूमि अधिग्रहण से न केवल छह गाँव, नवगाम, लिमड़ी, गोरा, वागड़िया, केवडिया और मीठी प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि निकट भविष्य में 13 अन्य गाँवों के प्रभावित होने की संभावना है. 1960 के दशक में सरदार सरोवर बांध के लिए छह गाँवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया गया था और बाद में बाँध को ऊपर की ओर स्थानांतरित कर दिया गया था, इसके बजाय आदिवासियों को ज़मीन वापस करने के लिए, सरकार ने उपकृत करने से इनकार कर दिया. अब इस भूमि पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल और मनोरंजन पार्क बनाने का फैसला किया गया है.