चीन की घुसपैठ और सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के मुददे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से कई तीखे सवाल पूछे हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि “वास्तव में, इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है।” उन्होंने कहा, ‘हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथास्थिति हर हालत में सुनिश्चित होगी। चीन पहले की तरह Line of Actual Control पर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मेरे विचार से यह बैठक सरकार को लद्दाख और अन्य जगहों पर चीनी घुसपैठ की 5 मई, 2020 को खबरें मिलने के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी। हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम में अपना पूरा सहयोग देता। खेद इस बात का है कि ऐसा नहीं हुआ। वास्तव में, इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है।”
सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि देश की ओर से सरकार से हमारे कुछ सवाल हैं….
1- चीनी सेनाओं ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र में किस तारीख़ को घुसपैठ की?
2- सरकार को हमारे क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बारे कब जानकारी हुई?
3- खबरों की मानें तो घुसपैठ 5 मई को हुई, क्या यह सही है, या फिर घुसपैठ उसके बाद हुई?
4- क्या सरकार को, नियमित रूप से, हमारे देश की सीमाओं की satellite images नहीं मिलती हैं?
5- क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर घुसपैठ की जानकारी नहीं दी?
6- क्या सेना की इंटेलिजेंस ने सरकार को LAC पर चीनी कब्जे और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे सचेत नहीं किया?
7- क्या सरकार यह स्वीकार करेगी कि यह इंटेलिजेंस की विफलता है?
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि 5 मई से लेकर 6 जून के बीच का बहुमूल्य समय हमने गंवा दिया, जब दोनों देशों के कोर कमांडर्स की बैठक हुई।
6 जून की इस बैठक के बाद भी, चीन के नेतृत्व से राजनैतिक और कूटनीतिक स्तरों पर सीधे बात क्यों नहीं की गई? हम सभी मौकों का लाभ उठाने में नाकाम रहे।
आज परिणाम यह है कि हमारे 20 बहादुर जवानों की दर्दनाक शहादत हुई और अनेकों घायल हुए।
उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री जी से आग्रह करती हूँ कि वो हमसे सभी जानकारी साझा करें और इस साल अप्रैल से लेकर आज तक के सारे हालात की जानकारी दें। प्रश्न यह है कि अब आगे क्या? आगे का रास्ता क्या होगा? कांग्रेस पार्टी की ओर से हम यह भी जानना चाहेंगे कि चीनी सेना की वापसी के बारे में क्या कार्यवाही चल रही है?”
हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथास्थिति हर हालत में सुनिश्चित होगी। चीन पहले की तरह Line of Actual Control पर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा।
मैं प्रधानमंत्री जी से उम्मीद करती हूँ कि वे देश के सामने किसी भी खतरे से निपटने के लिए सेना की तैयारियों की जानकारी भी हमें देंगे। मैं यह भी पूछना चाहूंगी कि यूपीए सरकार द्वारा अप्रैल, 2013 में मंजूर की गई, माउंटेन स्ट्राइक कोर के गठन के बारे में मौजूदा स्थिति क्या है?
इस कोर के तहत मंजूर की गई दो माउंटेन इन्फेंट्री डिविज़न्स के गठन में क्या प्रगति है?
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सहित सारे विपक्षी दल हमारे सैनिकों के साथ पूरी तरह एकजुट हैं। हमारी सेनाएं सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं, इसके लिए हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। देश के लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो पूरे देश और विपक्ष को विश्वास में लें और लगातार पूरे घटनाक्रम की जानकारी दें। तभी हम दुनिया के सामने अपनी एकजुटता ओर सहयोग सुनिश्चित कर सकेंगे।