नीतीश सरकार और विधानसभा अध्यक्ष के इशारे पर हुआ विपक्ष के विधायकों पर हमला- माले

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बिहार विधानसभा अध्यक्ष और नीतीश सरकार द्वारा लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ और विपक्ष के विधायकों पर बर्बर हमला का आदेश देने वाले पटना डीएम व एसपी पर कार्रवाई के सवाल पर आज भाकपा-माले ने पूरे बिहार में धिक्कार दिवस का आयोजन किया।

राजधानी पटना के कंकड़बाग टेंपो स्टैंड और गर्दनीबाग में माले कार्यक्रताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और बिहार विधानसभा के अंदर लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ मार्च व सभा आयोजित की।

कंकड़बाग टेम्पो स्टैंड पर आयोजित धिक्कार दिवस को माले राज्य सचिव कुणाल, राज्य कमिटी के सदस्य उमेश सिंह, रणविजय कुमार समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।

माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि विपक्ष के माननीय विधायकों को पुलिस द्वारा घसीटते हुए बाहर निकालने और फिर लात-घूसों से उनकी बर्बर पिटाई लोकतंत्र पर काला धब्बा है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू लोकतंत्र की हत्या करके बिहार को फासीवादी शासन की ओर धकेलना चाहती है।

माले राज्य सचिव ने कहा कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 में जो आशंकाएं जाहिर की जा रही थीं, उसका नजारा कल विधानसभा के अंदर ही देखने को मिल गया। जब जनता के चुने हुए प्रतिनधियों के साथ सरकार ऐसा व्यवहार कर सकती है तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा-जदयू बिहार को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं?

माले सचिव ने कहा कि पुलिस ने महिला विधायकों तक को नहीं छोड़ा। पुलिस के अलावा सिविल ड्रेस में और भी दूसरे लोग थे जो विपक्ष के विधायकों पर जानलेवा हमले कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा विपक्ष के विधायकों को पिटवाकर विधेयक पास करवाना कौन सा लोकतंत्र है? बिहार की जनता सबकुछ देख रही है।

गर्दनीबाग में धिक्कार दिवस कार्यक्रम का नेतृत्व शशि यादव, मुर्तजा अली, दिलीप सिंह समेत कई नेताओं ने किया। लोगों ने काली पट्टी बांधकर लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ धिक्कार दिवस मनाया।

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