बीजेपी ने नफ़रत फैलाने के लिए फे़सबुक को बनाया हथियार, जेपीसी करे जाँच: कांग्रेस

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राजनीति Published On :


कांग्रेस ने शुक्रवार को एक बार फिर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर देश में नफरत और फर्जी खबरें फैलाने के लिए फेसबुक को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। यह आरोप साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस द्वारा लगाया गया है। साथ ही पार्टी ने मांग की है कि इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराई जाए और फेसबुक और व्हाट्सएप पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाया जाएं।

समय आ गया है बीजेपी को रोका जाये..

कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता और प्रवीण चक्रवर्ती ने शुक्रवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समय आ गया है कि भाजपा को फेसबुक के ज़रिए नफरत फैलाने और देश की एकता को खतरे में डालने के लिए इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने से रोका जाए। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि एक अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी भारत के लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है। इसकी स्वतंत्र जांच की जरूरत है। बता दें कि कांग्रेस ने फेसबुक प्रमुख मार्क ज़ुकरबर्ग को भी पत्र लिखकर भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से फैलाए जा रहे अभद्र भाषा और फर्जी खबरों के आरोपों की स्वतंत्र जांच करने के लिए कहा है।

फेसबुक ने भी माना प्लेटफॉर्म पर होती है हिंसा..

बता दें कि हाल ही में फेसबुक की लेटेस्ट सामुदायिक मानक अनुपालन रिपोर्ट में पहली बार मेटा ने माना है कि उसके प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को धमकाया जा रहा है और उत्पीड़ित किया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया की 10 हजार कंटेंट में से हिंसा और भड़काऊ प्रकृति की पांच सामग्री और नफरत फैलाने वाली तीन अन्य सामग्री यूजर्स द्वारा बर्दाश्त करनी पड़ रही है। फेसबुक ने माना है कि प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को तीन महीने में 92 लाख बार धमकाया और परेशान किया जा चुका है। आपको बता दें कि फेसबुक अपने मानकों के उल्लंघन का पता लगाने के लिए केवल 70 भाषाओं में सामग्री को मापता है। इनमें से भारतीय भाषाएं केवल पांच हैं। जबकि इसके प्लेटफॉर्म पर 160 भाषाओं का संचार किया जा रहा है। इसलिए उनका सिस्टम फेल साबित हो रहा है।