सन्दीप पाण्डेय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर व नागरिकता (संशोधन) बिल के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी एक ऐसे राज्य में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास कर रही है जहां 1983 के नेल्ली…
अटल से जो नहीं टला ! विकास नारायण राय अटल बिहारी वाजपेयी (1924-2018) को युग पुरुष घोषित करने की होड़ के बीच उनका एक सरसरी सम्यक मूल्यांकन भी संभव है|…
गुरदीप सिंह सप्पल 1936 में हिटलर की मौजूदगी में जर्मनी को हरा कर जीता अोलिम्पिक गोल्ड मेडल आधुनिक भारत की किंवदंतियों में शामिल है। ध्यानचंद के तीन गोल और 8-1 की जीत के…
रामशरण जोशी लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण सुना.कुछ- कम मिनट डेढ़ घंटे…
चंद्र प्रकाश झा छत्त्तीसगढ़ राज्य का गठन केंद्र में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस की सरकार के कार्यकाल में 1 नवम्बर 2000 को उसको , मध्य प्रदेश से पृथक कर किया गया। छत्त्तीसगढ़ विधान सभा…
विष्णु राजगढ़िया देश में बुद्धिहीनता का भयावह दौर चल रहा है। देश का प्रधानमंत्री अगर गोबर को हलुआ कह दे, तो वाह-वाही होने लगती है। कुछ मीडिया वाले फौरन गोबर को…
विकास नारायण राय दरअसल, मुन्नी बदनाम हुयी….. बॉलीवुड के इस लोकप्रिय फिल्मी गीत की तर्ज पर मैक्सिको सीमा से अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल होते भारतीय भी चाहें तो आज…
इमरजेन्सी लगाकर इंदिरा ने लालक़िले से ‘नए भारत’ का ऐलान किया था, मोदी ‘न्यू इंडिया’ का करेंगे! पुण्य प्रसून वाजपेयी 15 अगस्त 1975 और 15 अगस्त 2018 । दोनों में खास अंतर…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 27 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक…
चंद्रभूषण देखते-देखते संगठित झूठ के कितने खतरनाक दौर में हम आ गए हैं! अभी कितने दिन हुए, जब जेएनयू में शूट किए गए एक धुंधले वीडियो में गूंज रहे नारे ‘भारत तेरे…
संजय कुमार सिंह इंडियन एक्सप्रेस में हर इतवार को प्रकाशित होने वाले पी चिदंबरम के आज के आलेख का शीर्षक है – फर्स्ट एनार्की, नाऊ ऑटार्की (First anarchy, now autarky)। यह…
अनिल यादव हमने युगों तक पदाघात और कठोर भावनात्मक प्रयास किए कि हमारी स्त्रियां गाय जैसी हों. गुनाहों के देवता के चंदर की सुधा तो एकदम गऊ है, यह कहने में उसकी निरीहता के…
तन्मय त्यागी का कार्टून वार…मीडिया विजिल पर हर रविवार..
संसद-चर्चा राजेश कुमार झूठ को झूठ की तरह पहचानना असंसदीय है, इसलिये कहना होगा कि यह सरकार का एक और असत्य था- असत्य के कई प्रयोगों में से एक। यह असत्य था…
रवीश कुमार सबसे पहले दो तीन तारीखों को लेकर स्पष्ट हो जाइये। 10 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद रफाल डील का एलान करते हैं। इसके 16…
इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की नीयत ठीक नहीं …. संजय कुमार सिंह प्रभात खबर का आज का पहला पेज। इसमें दो बड़ी गलतियां हैं। अखबार का नाम पहले…
रामशरण जोशी सामंतवादी मानसिकत और कॉरपोरेट पूंजीवाद के फासीवाद की प्रोडक्ट वर्तमान व्यवस्था की सड़ांध अब उफान पर है. इसके मेनहोलों से गटर की गंदगी रह रह कर बाहर आ रही…
चंद्र प्रकाश झा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बार -बार उत्तर प्रदेश का दौरा करने के मायने किसी से छुपे नहीं हैं। मोदी जी ने माह भर पहले उत्तर प्रदेश में संत…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 26 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
विकास नारायण राय मुजफ्फरपुर बाल गृह प्रकरण में शुरुआती चुप्पी के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कितने ही दिलेर शब्दों में अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की बात करें,पोक्सो एक्ट…
प्रकाश के रे साल 691-92 में डोम ऑफ द रॉक का काम पूरा होने के तुरंत बाद ही अब्द अल-मलिक ने मक्का, फारस और इराक के इलाकों को अपने कब्जे में कर लिया. इस…
ये इमरजेन्सी नहीं,लोकतंत्र का मित्र बनकर लोकतंत्र की हत्या का खेल है ! (पुण्य प्रसून वाजपेयी) ‘क्या ये संभव है कि आप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम ना लें ?’ ‘आप…
अनिल यादव टाई लगाने वाले तीन पत्रकारों को सरकार द्वारा एक मीडिया हाउस से तिड़ी कराए जाने पर मची कचरघांव का यह मतलब कतई नहीं है कि लोग अचानक लोकतंत्र और आजाद मीडिया…
तन्मय त्यागी का कार्टून-वार..मीडिया विजिल पर, हर रविवार…
दास मलूका कौन हैं, यह जानने से ज़्यादा अहम यह जानना है कि हमारे समय में ऐसे लोग हैं जो दास मलूका जैसी दृष्टि रखते हैं। यह दृष्टि हमें उस ‘गोपन’ की यात्रा कराती…