संजय कुमार सिंह आज की खबरों में सबसे प्रमुख है, सरकार, आरबीआई और उर्जित पटेल का विवाद और पटेल इस्तीफा दे सकते हैं जैसी खबर के साथ रिजर्व बैंक के मामले में पहली…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 37 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
रवीश कुमार मैंने येल यूनिवर्सिटी में पोलिटिकल साइंस की एसोसिएट प्रोफेसर करुणा मंतेना का क्लास किया। हार्वर्ड में भी एक क्लास किया था मगर संकोचवश नहीं लिखा कि कहीं प्रदर्शन का भाव न…
संजय कुमार सिंह कोलकाता के अंग्रेजी दैनिक, द टेलीग्राफ ने शॉकिंग एंड सॉरडिड (चौकाने वाला और घृणित) शीर्षक से सात कॉलम की लीड छापी है। इस खबर के मुताबिक, सीबीआई के एक अधिकारी,…
चंद्र प्रकाश झा मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए मतदान 28 नवंबर 2018 को होगा। मतदान, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से होगा। मतगणना उन्हीं ईवीएम से 11 दिसंबर को देश के अन्य…
संजय कुमार सिंह अखबारों में छपी खबरों के लिहाज से देखें तो आज फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिन है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित भूमि पर सुनवाई जनवरी…
पुण्य प्रसून वाजपेयी खलक खुदा का , मुलुक बादशाह का / हुकुम शहर कोतवाल का / हर खासो-आम को आगाह किया जाता है / कि खबरदार रहें/ और अपने अपने किवाड़ों को अंदर…
मुंबई निवासी, इलाहाबादी कवि बोधिसत्व ऐतिहासिक, पौराणिक, सांस्कृतिक प्रमाणों के आधार पर बार-बार बता रहे हैं कि प्रयाग नाम का ऐसा कोई प्राचीन नगर नहीं था, जिसका नाम अकबर ने बदला। अकबर ने…
संजय कुमार सिंह घटना प्रधान खबरों का संकट आज के अखबारों में भी दिख रहा है। अंग्रेजी अखबारों में इंडियन एक्सप्रेस ने आज, “सरकार बनाम आरबीआई” फ्लैग शीर्षक से जो खबर लीड बनाई…
जर्मन लेखकों, कलाकार-नाटककारों और चिंतकों में से मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है हाइनर म्युलर ने. वह मेरे पड़ोसी थे, लेकिन उनसे पहली बार परिचय हुआ ब्रेष्त के पांच छात्रों में से एक,…
अनिल यादव बरेली के एक अखबार में गुमशुदा कॉलम में एक चिंतित मुद्रा में बैठे एक अधेड़ तोते का विज्ञापन छपा- ‘मेरा तोता, मिट्ठू, रंग हरा, नर, गले पर छल्ला, सेंट एंड्रोज स्कूल के पास,…
लोकतंत्र के डूबते जहाज को संभालना तो आपको ही है पुण्य प्रसून वाजपेयी देश ऐसे तो मत ही चलाइए, जिससे एक तबके को लगे कि 2019 के चुनाव के बाद मुक्ति मिले तो…
इलाहाबादी कवि बोधिसत्व ऐतिहासिक, पौराणिक, सांस्कृतिक प्रमाणों के आधार पर बार-बार बता रहे हैं कि प्रयाग नाम का ऐसा कोई प्राचीन नगर नहीं था, जिसका नाम अकबर ने बदला। अकबर ने संगम पर…
राजेश कुमार हालांकि यह सच नहीं था, लेकिन वित्त एवं कारपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि ‘जिन-जिन पदों पर नियुक्तियां कालेजियम करती हैं, उनके बारे में सभी कानूनों में,…
संजय कुमार सिंह आज कोई ऐसी खबर नहीं है जो हिन्दी के सभी अखबारों में निर्विवाद रूप से लीड बन सके। ऐसा कभी-कभी होता है और अखबारों पर नजर रखने वालों के लिए…
संजय कुमार सिंह सीबीआई पर सरकार की आधी रात की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की खबर और इसके विरोध में कांग्रेस के प्रदर्शन की खबर सभी अखबारों में पहले पन्ने पर है। खास…
पुण्य प्रसून वाजपेयी दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की राजनीति का सच तो यही है कि सत्ता पाने के लिये नागरिकों को वोटरों में तब्दील किया जाता है। फिर वोटरों को जाति-धर्म-सोशल…
रवीश कुमार येल यूनिवर्सिटी का अपना अख़बार है। इस अख़बार को यूनिवर्सिटी के ही छात्र चलाते हैं और पूरी स्वायत्तता के साथ। यहाँ पाँच दिन रहा लेकिन हर दिन पहली ख़बर येल को…
प्रशांत टंडन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित दोवल को दस साल के लिये मजबूत सरकार चाहिये – मुझे इनके बयान में इमरजेंसी सुनाई दे रहा है. देश को मज़बूत लोकतंत्र चाहिये और मज़बूत नहीं…
संजय कुमार सिंह जबरन छुट्टी पर भेजे गए, कथित रूप से हटाए गए और फिर इनकार किए जाने की खबरों के बीच सीबीआई के जैसे भी प्रमुख मानिए, आलोक वर्मा के घर पर…
पुण्य प्रसून वाजपेयी जब 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सभी बरी हो गये और कोयला खादान घोटाले में कोई जेल नहीं पहुंचा तो सवाल सीएजी पर भी उठा कि घोटाले से राजस्व के…
संजय कुमार सिंह आज के अखबारों में तो सीबीआई की ही खबर सबसे प्रमुख होनी थी। ऐसी खबरों के साथ कोई विवाद नहीं रहता है तो सभी अखबार एक से लगते हैं। खबरों…
सीबीआई बनाम सीबीआई नहीं अमित शाह बनाम अहमद पटेल ! विकास नारायण राय गत नवम्बर में जब राकेश अस्थाना को सीबीआई में एडिशनल डायरेक्टर से स्पेशल डायरेक्टर बनाया जाना था, उनके बॉस आलोक…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 36 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
रवीश कुमार जब भारत की जनता गहरी नींद में सो रही थी, तब दिल्ली पुलिस के जवान अपने जूते की लेस बाँध रहे थे। बेख़बर जनता को होश ही नहीं रहा कि पुलिस…