आज द टेलीग्राफ को छोड़कर (उसके बारे में आगे) सभी अखबारों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोलकाता रैली की खबर लीड है। कोलकाता की रैली दिल्ली में लीड बनना बहुत सामान्य तो नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री की रैली और प्रचारकों का बोलबाला कुछ भी करा सकता है। इसे इस तथ्य के आलोक में देखिए कि सोमवार एक मार्च को कोलकाता के इसी ब्रिगेड परेड ग्राउंड में वामपंथियों और कांग्रेस की रैली हुई थी। उसकी खबर दिल्ली के बाकी के चार अखबारों में पहले पन्ने पर नहीं थी। अकले द टेलीग्राफ ने इसे पहले पन्ने पर लीड बनाया था। हालांकि कोलकाता की खबर, कोलकाता में लीड बने यह बहुत सामान्य है। तब कई मित्रों ने ये बातें बताई थीं और यह भी कहा था कि कोलकाता की रैली की खबर दिल्ली के अखबारों में पहले पन्ने पर नहीं थी (तो क्या हुआ) अंदर तो थी ही। कहने की जरूरत नहीं है कि मैं सिर्फ पहले पन्ने की बात करता हूं और इस मामले में मेरी सीमा है।
(लेफ्ट की रैली के मीडिया कवरेज की समीक्षा का लिंक ये रहा- पहला पन्ना: लेफ़्ट की विशाल रैली की ख़बर टेलीग्राफ़ छोड़ किसी अख़बार में नहीं! )
आज प्रधानमंत्री की खबर के साथ इंडियन एक्सप्रेस में पहले ही पन्ने के टॉप पर केंद्रीय सूचना तकनालाजी मंत्री रविशंकर प्रसाद की एक घोषणा है, “कुछ चुने हुओं का इंटरनेट साम्राज्य अस्वीकार्य है : प्रसाद”। पहले पन्ने की खबर से लगता है कि यह केंद्रीय मंत्री के साथ अखबार की विशेष बातचीत का अंश है और पूरा इंटरव्यू अंदर के पन्ने पर है। चूंकि इंटरनेट से सरकार की परेशानी जगजाहिर है और आज ही यह इंटरव्यू छपा है तो इंटरनेट पर इस रैली को लेकर कल क्या चल रहा था उसकी थोड़ी चर्चा भी जरूरी है। चूंकि लेफ्ट की रैली पहले पन्ने पर नहीं थी और मुझे पूरा यकीन था कि प्रधानमंत्री की रैली पहले पन्ने पर होगी ही इसलिए मैं कल इंटरनेट पर सक्रिय था और रैली से संबंधित उल्लेखनीय सूचनाएं बटोर रहा था। इस कॉलम में पहले पन्ने की ही बात होती है इसलिए मकसद उनकी चर्चा करना नहीं, अपने स्तर पर यह सुनिश्चित करना था कि रैली पहले पन्ने लायक है या नहीं।
इंटरनेट के बारे में सरकार का पक्ष आज भी आया है तो आपको यह बता दूं कि कल भाजपा नेताओं ने पुरानी (वामपंथियों की भी) रैली की फोटो ट्वीट कर नरेन्द्र मोदी की रैली की सफलता का दावा किया था। इन और दूसरी सूचनाओं के आधार पर कुछेक वरिष्ठ पत्रकारों ने ममता बनर्जी की हार की भविष्यवाणी भी कर दी। इंटरनेट पर कल यह सूचना भी घूम रही थी कि प्रधानमंत्री की रैली के लिए भाजपा ने क्या तैयारियां की थीं और कितने पैसे में कितनी ट्रेन किराए पर ली गई थी आदि आदि। सबसे दिलचस्प यह रहा कि यूट्यूबर, पत्रकार साक्षी जोशी ने दिन में तीन बजे के कुछ बाद से शाम चार बजे से कुछ पहले तक ऑन लाइन दिखाया कि प्रधानमंत्री की रैली चल रही थी और सैकड़ों लोग रैली से निकलने लगे थे। पचासो गाड़ियों पर भाजपा समर्थक झंडे बैनर के साथ जाते दिखाए गए।
(अल्ट न्यूज की खबर का लिंक यह रहा – BJP members share old photos of Left Front rally as PM Modi’s Kolkata address ahead of polls )
साक्षी ने अपने फोन पर दिखाया कि प्रधानमंत्री की रैली चल रही थी और लौट रहे लोग पूछने पर यह नहीं बता रहे थे कि प्रधानमंत्री ने क्या बोला। जाहिर है, इंटरनेट की बदौलत अगर भाजपा का झूठा प्रचार हुआ तो उसका खंडन भी हुआ और इंटरनेट की बदौलत हम देख पाए कि रैली चल रही थी और लोग लौट रहे थे। ज्यादातर का कहना था कि उन्हें दूर जाना है इसलिए जल्दी निकल गए और यह शिकायत भी थी कि पुलिस ने गाड़ी दूर रुकवा दी है। हालांकि रैली की आवाज जहां आ रही थी वहीं दसियों गाड़ियां एक साथ जाती भी दिखाई गईं। साक्षी ने रैली शुरू होने से पहले का माहौल भी दिखाया था। आज लिंक कॉपी करते समय तक इसे 3,46,840 लोग देख चुके थे। वीडियो में साक्षी ने बताया है कि प्रधानमंत्री को ऑनलाइन 14,000 के करीब लोग सुन रहे थे।
(साक्षी जोशी के वीडियो का लिंक यह रहा-
इससे पहले कि मैं आज के अखबारों की खबरों की चर्चा करूं यह बताना उपयुक्त रहेगा कि प्रधानमंत्री अगर कल कोलकाता में बंगाल चुनाव के लिए भाजपा का प्रचार कर रहे थे जो राज्य में सत्तारूढ़, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी लगभग उसी समय सिलीगुड़ी में चुनाव रैली कर रही थीं। उन्होंने प्रधानमंत्री के आरोपों का जवाब भी दिया। ममता का जवाब या ममता की रैली की खबर प्रधानमंत्री की रैली की खबर के साथ टाइम्स ऑफ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स, द हिन्दू में सिंगल कॉलम, इंडियन एक्सप्रेस में तीन कॉलम पर छोटी और द टेलीग्राफ में लगभग बराबर है।
आज की अन्य खबरों में प्रमुख हैं, वरवर राव जमानत मिलने के बाद अस्पताल से घर गए (हिन्दुस्तान टाइम्स, तीन कॉलम), टिकरी में 48 साल के किसान, हिसार के राजबीर सिंह ने खुदकुशी की, विरोध शुरू होने के बाद से आठवां (इंडियन एक्सप्रेस, सिंगल कॉलम), रिजर्व बैंक के गवरनर ने कहा कि सरकारी बैंक दर बढ़ाने की जल्दी में नहीं हैं, विकास का समर्थन करेंगे (टाइम्स ऑफ इंडिया, तीन कॉलम, टाप)। द टेलीग्राफ में आज आधा पेज खबर है और सात कॉलम में मोदी-ममता की खबर है। बाकी के एक कॉलम में नियमित कॉलम क्वोट के अलावा आठ लाइन की सूचना है (खबर अंदर) कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने तय किया है कि सोमवार को बजटसत्र के दूसरे हिस्से में ईंधन की ऊंची कीमत का विरोध किया जाएगा।
अब रैली, माफ कीजिएगा, प्रधानमंत्री की खबरें। सबसे विस्तृत रूप से यह इंडियन एक्सप्रेस में है। अखबार का फ्लैग शीर्षक है, कोलकाता में पहली विराट रैली। मुख्य शीर्षक है, “मोदी ने ममता को निशाना बनाया भ्रष्टाचार का टीएमसी (का) खेल पूरा हुआ, असल परिवर्तन का समय”। उपशीर्षक है, “भविष्यवाणी की कि ममता की प्रोटेस्ट स्कूटी नंदीग्राम में उलट जाएगी, कहा विकास अब शुरू होता है”। मैंने भाषण नहीं सुना था। सही शब्द मालूम नहीं है, यह अंग्रेजी से अनुवाद है। स्कूटी पर व्यंग को भी कल इंटरनेट पर पसंद नहीं किया गया। लोगों ने पुरानी फोटो डालकर कहा कि मोदी भी तो कानपुर में सीढ़ियों पर गिर गए थे और तब ममता ने मजाक नहीं उड़ाया था।
इंडियन एक्सप्रेस की यह खबर पांच कॉलम में तीन कॉलम की फोटो के साथ है। ममता बनर्जी की सिलीगुड़ी की रैली इसके नीचे तीन कॉलम में है और फोटो सिंगल कॉलम में। शीर्षक है, उज्ज्वला से जुमला … मोदी-शाह से बड़ा सिंडिकेट कौन हो सकता है : ममता। हिन्दुस्तान टाइम्स में यह खबर पांच कॉलम के शीर्षक, “प्रधानमंत्री ने ‘सोनार बांग्ला’ का वादा किया” के साथ है। अखबार ने मिथुन चक्रवर्ती और नरेन्द्र मोदी की फोटो लगाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया में यह खबर चार कॉलम में लीड है। कोई सवा कॉलम में प्रधानमंत्री और मिथुन चक्रवर्ती की तस्वीर है। मुख्य शीर्षक है, “खेला खतम, विकास शुरू : प्रधानमंत्री ने कोलकाता की विराट रैली में दीदी पर निशाना साधा”। इंट्रो है, “मतदाताओं से ‘असली परिवर्तन’ की शुरुआत में सहायता की अपील की”। अखबार ने इसके साथ एक छोटी खबर में बताया है, सुवेन्दु की कश्मीर चर्चा पर उमर ने नाराजगी जताई। इसमें कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने (सुवेन्दु के बयान को) ‘बेवकूफी और बेस्वाद’ कहा। सुवेन्दु ने कहा था कि टीएमसी सत्ता में वापस आई तो आपकी तकलीफ कश्मीरी पंडितों जैसी हो जाएगी।
रैली की खबर को द हिन्दू ने चार कॉलम में लीड छापा है। तीन कॉलम की फोटो के साथ। मुख्य शीर्षक है, मोदी ने असल परिवर्तन का नारा दिया। इंट्रो है, कोलकाता की एक रैली में पीएम ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा। द टेलीग्राफ में दोनों खबरें लगभग बराबर ही नहीं एक जैसी हैं और बराबर की तस्वीर के साथ दोनों में अलग फ्लैग शीर्षक और मुख्य शीर्षक है। पहले, मोदी की खबर का फ्लैग शीर्षक है, “मोदी के कई सारे थीम”। मुख्य शीर्षक है, “सबकुछ पेट्रोल छोड़कर”। इसके बराबर में ममता बनर्जी की खबर का फ्लैग शीर्षक है, “ममता का एक सूत्री जोर, द गैस बस्टर” (हवा निकालने पर)। असल में ममता बनर्जी ने उज्जवला योजना का जिक्र किया जिसे अखबार ने गैस बस्टर कह कर दो अर्थों वाला शीर्षक बना दिया है।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और प्रसिद्ध अनुवादक हैं।