मुंबई की एक विशेष मकोका अदालत ने वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की हत्या में गैंगस्टर छोटा राजन को दोषी करार दिया जबकि एक अन्य पत्रकार एशियाई एज की पूर्व सहायक सम्पादक जिग्ना वोरा को इस मामले से बरी कर दिया है। जे डे की हत्या 2011 में बम्बई में हुई थी जब वे अपने घर लौट रहे थे। छोटा राजन को 2015 में भारत लाया गया था। सात साल के बाद आखिरकार यह बात साबित हो गई कि जे डे की हत्या राजन ने ही करवाई थी।
Mumbai court convicts gangster Chotta Rajan in journalist J Dey murder case
— Press Trust of India (@PTI_News) May 2, 2018
एक अन्य आरोपी पौलसेन जोसेफ को भी बरी किया गया है। राजन के साथ चार अन्य को हत्याकांड का दोषी पाया गया है। पत्रकार वोरा पर आरोप था कि उन्होंने डे के संबंध में गैंगस्टर राजन से मुखबिरी की थी। इसीलिए वोरा के खिलाफ़ इस मामले में एक अलग आरोपपत्र दायर किया गया था जिसमें पेशेवर रंजिश की बात कहकर राजन को डे के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया गया था। राजन का भारत में प्रत्यर्पण 2015 में हुआ था। उसके बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई।
No evidence to suggest Journalist Jigna Vora instigated #ChhotaRajan to kill J Dey : The special Maharashtra Control of Organised Crime Act (MCOCA) court pic.twitter.com/QqwXcRuGhl
— Press Release Watch (@PrReleaseWatch) May 2, 2018
सीबीआइ ने मामला अपने हाथ में लिया और 2016 में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया। सीबीआइ के मुताबिक हत्या से पहले डे दो किताबों पर काम कर रहे थे जिसमें राजन में बारे में कई उद्घाटन किए गए थे लेकिन उसके पेशेवर प्रतिद्वंद्वी दाउद को उससे श्रेष्ठ दिखाया गया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान 155 गवाह पेश किए गए जिनमें सात अपने बयान से मुकर गए। मामले में कुल चौदह आरोपी थे जिनमें विनोद असरानी की मौत हो गयी है और दो फरार हैं। गवाहों में कुछ पत्रकार भी थे जिनसे राजन ने हत्या के बाद बात की थी।
पहली चार्जशीट 2011 में दायर की गई थी जिसमें सतीश कालिया, अभिजीत शिंदे, अरुण डाके, सचिन गायकवाड़, अनिल वाघमोड़े, निलेश शेंडगे, मंगेश अगवाने, विनोद असरानी, पौलसेन जोसेफ और दीपक सिसोदिया का नाम था। इन सभी को गिरफ्तार किया गया था।