सरायमीर की घटना दिखाती है कि UP में RSS चला रहा है पुलिस थाने: रिहाई मंच

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प्रेस विज्ञप्ति

सरायमीर में तनाव के लिये सांप्रदायिक पुलिस प्रशासन जिम्मेवार- रिहाई मंच 

दलित-मुस्लिम नेताओं पर लादे जा रहे फर्जी मुकदमे 6 मई के सम्मेलन का प्रमुख मुद्दा 


लखनऊ 2 मई 2018. रिहाई मंच ने आजमगढ़ के सरायमीर क़स्बे में पिछले दिनों हुई घटना पर आरोप लगाया कि आरएसएस थाने चला रही है. एक तरफ बाराबंकी के महादेवा में मूर्ति उठा ले जाने के झूठे एफआईआर, जिसको आला अधिकारियों ने भी ख़ारिज कर दिया था, के नाम पर चार मुस्लिम लड़कों पर रासुका लगा दी जाती है. दूसरी तरफ आजमगढ़ में धार्मिक टिप्पणी करने वाले पर रासुका लगाने की मांग करने वालों पर उलटे मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. 

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि सूबे में सिर्फ मुस्लिम और दलितों पर ही रासुका लगाया जा रहा है. सहारनपुर हिंसा जिसमें राजपूतों ने दलित माँ-बहनों, बूढ़े-बुजुर्गों के साथ हिंसा की उसमें भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर पर रासुका लगाकर जेल से नहीं निकलने दिया जा रहा है. योगी सरकार बताये कि क्या सिर्फ ये ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं जो इन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत करवाई की जा रही है. उन्होंने सवाल किया कि योगी सरकार बताए कि दलितों-मुसलमानों का उत्पीड़न करने वाले कितनों पर रासुका लगाया है.

उन्होंने कहा कि आज़मगढ़ के कस्बा सरायमीर में आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट करने वाले के खिलाफ रासुका लगाने की मांग कर रहे लोगों और पुलिस के बीच 28 अप्रैल को होने वाले टकराव के नाम पर सरायमीर पुलिस ने 35 नामज़द और 12 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन इस दौरान कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनसे पुलिस की कार्रवाई भेदभावपूर्ण और एकतरफा प्रतीत होती है। रिहाई मंच को इस तरह के वीडियो प्राप्त हुए हैं जिनसे प्रथम दृष्ट्या पुलिस प्रशासन की भूमिका संदिग्ध दिखाई पड़ती है। वीडियो में हिंदू संगठनों के लोगों को पुलिस की मौजूदगी में तोड़फोड़ करते हुए देखा जा सकता है लेकिन इस सम्बंध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।

मंच ने आरोप लगाया कि साम्प्रदायिक संगठनों के लोग सक्रिय हैं और राजनीतिक ध्रुवीकरण के उद्देश्य से पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। खुलेआम आरएसएस के लोग सरायमीर थाने में बैठकर थाना चला रहे हैं. रिहाई मंच ने उक्त घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। इस सम्बंध में रिहाई मंच का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही आज़मगढ़ का दौरा करेगा.

रिहाई मंच 6 मई को लखनऊ में लोकतान्त्रिक संस्थाओं पर बढ़ रहे हमले पर सम्मेलन करेगा जिसमें दलितों-मुसलमानों के नेताओं के ऊपर लादे जा फर्जी मुकदमों का मुद्दा प्रमुख होगा.

द्वारा जारी 
शाहनवाज़ आलम 
प्रवक्ता, रिहाई मंच 


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