वैसे तो हम सबने कुम्भ को लेकर बहुत सारी डॉक्यूमेंटरीज या खबरें पढ़ी होंगी, लेकिन पवन की डाक्यूमेंट्री के ट्रेलर को देख कर लगता है कि कुम्भ की वो तस्वीर दिखाई है जो अभी तक किसी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर ने नहीं दिखाई थी | पवन ने अपनी डाक्यूमेंट्री “कुम्भ – दि अदर स्टोरी ” में एक नई सच्चाई से परिचय करवाया है. 2019 का कुम्भ कई मायनो में बाकी कुम्भ से बहुत अलग था, चाहे इसकी मार्केटिंग हो, इसका राजनैतिक इस्तेमाल हो या इसका बजट हो, सबकुछ इसे बाकी कुम्भ मेलों से अलग बनाता है.
फिल्म का ट्रेलर देख कर पता चलता है की इस फिल्म में कुम्भ की चकचौंध और नागा साधुओं के आकर्षण और इसकी भव्य मार्केटिंग के पीछे एक अँधेरा भी था जिसकी किसी ने भी बात नहीं की है. पवन ने उसी अँधेरे पर अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म में रौशनी डाली है.
4200 करोड़ के इस शो में भी कैसे गरीब मज़दूर जिनके बल पर पूरा कुम्भ चलता है, उनको उपेक्षित रखा गया. ये तो सिर्फ ट्रेलर है, लेकिन इसे देख कर लगता है कि जब पूरी फिल्म सामने आएगी तो सच में इस तमाशे की एक अलग तस्वीर हम सब के सामने होगी.
पवन ने इससे पहले “नया पता” और “लाइफ ऑफ एन आउटकास्ट” दो फीचर फिल्में बनाई है, “लाइफ ऑफ एन आउटकास्ट” नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है. पवन ‘स्टूडियो सर्वहारा’ के नाम से एक फिल्म प्रोडक्शन हाउस चलाते हैं, और फिलहाल दिल्ली में रहते हैं.
देखें ट्रेलर-