काँग्रेस का मिशन यूपी: विचारों की तलवार से लैस 70 हज़ार कार्यकर्ता देंगे चुनाव को तिरंगी धार!


पार्टी सूत्रों की मानें तो ग्राउंड पर यह प्रशिक्षण शिविर संगठन में नई ऊर्जा का संचार कर रहा है जिसके मद्देनजर यूपी के 100 नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक समूह छत्तीसगढ़ में विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण ले रहा है। प्रशिक्षण के बाद ये मास्टर ट्रेनर ब्लॉक और विधानसभा वार प्रशिक्षण शिविर में 70 हज़ार कार्यकर्ताओं ट्रेनिंग देंगे।


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क्या सांसद, विधायक बनना या पदाधिकारी बनना ही कांग्रेस में होने का मतलब है या फिर इसका कुछ ख़ास मतलब भी होता है? आरएसएस के सांप्रदायिक अभियान से ज़मीनी मुक़ाबले के लिए आजकल कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं को इस सवाल से ग़ुज़रना पड़ रहा है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से साफ़ किया गया है कि कांग्रेस को अब लंबी लड़ाई के लिए तैयार होना है। इसके लिए विचारों की कसौटी पर कार्यकर्ताओं और नेताओं को खरा उतरना होगा।

यूपी में पार्टी चुनाव के लिए तो तैयार हो ही रही है, वह पार्टी संगठन को भी वैचारिक रूप से तेजस्वी बनाने में जुट गयी है। पार्टी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गाँधी ख़ुद इस मसले पर रुचि ले रही हैं और हाल ही में जो क्षेत्रवार प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुए, उसे उन्होंने ख़ुद संबोधित किया। हाल ही में यूपी कांग्रेस ने अपने 8 ज़ोन में ब्लॉक अध्यक्षों की ट्रेंनिग पूरी की है। यह प्रशिक्षण शिविर गोरखपुर, इलाहाबाद, सुल्तानपुर, लखनऊ, कानपुर, बरेली, मथुरा और गाज़ियाबाद में आयोजित हुए थे।

पार्टी सूत्रों की मानें तो ग्राउंड पर यह प्रशिक्षण शिविर संगठन में नई ऊर्जा का संचार कर रहा है जिसके मद्देनजर यूपी के 100 नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक समूह छत्तीसगढ़ में विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण ले रहा है। प्रशिक्षण के बाद ये मास्टर ट्रेनर ब्लॉक और विधानसभा वार प्रशिक्षण शिविर में 70 हज़ार कार्यकर्ताओं ट्रेनिंग देंगे।

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। राजनैतिक पार्टियां राजनीतिक समीकरणों को साधने के साथ ही साथ संगठन को मजबूत करने में जी जान से जुट गयीं हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी संगठन निर्माण के अंतिम पड़ाव पर है। उत्तर प्रदेश के सभी 823 ब्लाकों की कमेटियां गठित हो गईं हैं। 8134 न्याय पंचायत के अध्यक्ष मुश्तैदी के साथ अपनी कमेटियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। साथ ही साथ अब ग्राम सभा अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

इन प्रशिक्षण शिविरों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट का पाठ सिखाया जाएगा। सोशल मीडिया के बेहतर उपयोग की तकनीक भी कार्यकर्ताओं को सिखायी जाएगी। न्याय पंचायतवार व्हाट्सएप ग्रुप सक्रिय करने पर जोर दिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त आरएसएस और भाजपा की ऐतिहासिक करतूतों के संदर्भ में आगामी प्रशिक्षण शिविर में व्यापक प्रशिक्षण होगा। यूपी के पिछले 32 सालों की बदहाली पर भाजपा, सपा और बसपा को भी कांग्रेस कार्यकर्ता घेरेंगे, इसके लिए  ’किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश?’ विशेष प्रशिक्षण शिविर रखा जाएगा।

कुल मिलाकर पार्टी अब किसी शार्टकट के फेर में नहीं है। नेतृत्व को लग गया है कि यूपी में अपनी ज़मीन को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए विचारों के प्रति प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं का बीज रोपने का श्रमसाध्य रास्ता ही अब अकेला रास्ता है।