नॉनवेज बेचने वालों के ठेले जब्त करने पर गुजरात HC की फटकार, कहा- भेदभाव करने की हिम्मत कैसे हुई!

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गुजरात हाई कोर्ट ने 25 फेरीवालों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अहमदाबाद नगर पालिका (एएमसी) को जमकर फटकार लगाई है। इस दौरान कोर्ट में सख्त रुख अपनाते हुए वकील से कई सवाल किया और नगरपालिका के आयुक्त को बुलाकर सवाल करने के निर्देश दिए।

बिना किसी आधिकारिक आदेश के जब्त किए गए गाड़ियां और घाट…

दरअसल, नगर पालिका के अधिकारियों पर स्थानीय पार्षद की शिकायत के बाद मांसाहारी खाना बेचने वालों की ठेला जब्त करने का आरोप है। इस मामले को लेकर 25 फेरीवालों ने कोर्ट में याचिका दायर की है। गुजरात उच्च न्यायालय ने अहमदाबाद नगर पालिका को तब फटकार लगाई जब याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनकी गाड़ियां और घाट बिना किसी आधिकारिक आदेश के जब्त कर लिए गए थे और वडोदरा, सूरज, भावनगर, जूनागढ़ और अहमदाबाद ने इस पूरे मामले में विरोधी रुख अपना लिया है।

नगर पालिका को आखिर दिक्कत क्या है:HC

मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस बीरेन वैष्णव ने सवाल करते हुए कहा, ”नगर पालिका को आखिर दिक्कत क्या है?” लोक अभियोजक को संबोधित करते हुए अदालत ने कहा, ”आखिर आपकी समस्या क्या है? आपको मांसाहारी खाना पसंद नहीं है, तो यह आपका नजरिया है। जस्टिस ने खुद को लेकर सवाल किया कि आखिर आप कैसे तय कर सकते हैं कि मैं बाहर क्या खाऊंगा? क्या आप तय करेंगे? क्या कल से आप ये भी फैसला करने लगेंगे कि मैं घर के बाहर क्या खाऊं?”

आयुक्त को बुलाइए पूछिए कि आखिर वे कर क्या रहे: HC

हाई कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा, “तुरंत नगरपालिका के आयुक्त को बुलाइए और उनसे पूछिए कि आखिर वे कर क्या रहे हैं? कोर्ट ने व्यंग्य रूप से कहा कि क्या कल से वे कहेंगे कि मुझे गन्ने का रस नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे मुझे मधुमेह हो सकता है या कॉफी न पिएं क्योंकि यह सेहत के लिए खराब है?” बता दें कि पिछले महीने राजकोट के मेयर ने भी कहा था कि मांसाहारी खाना बेचने वाले धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

ठेले हटवाने का कारण सड़क किनारे अतिक्रमण: नगर पालिका

मामले में अहमदाबाद नगर पालिका की ओर से पेश अधिवक्ता सत्यम छाया ने कहा कि यह मामला किसी तरह की गलतफहमी के चलते दर्ज किया गया है और मांसाहारी भोजन बेचने वाले सभी विक्रेताओं को हटाने के लिए कोई अभियान शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि ठेले हटाने का एक मात्र कारण सड़क किनारे अतिक्रमण है, जिससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही थी।

क्या मांसाहारी भोजन बेचने वालों को निशाना बनाकर अतिक्रमण हटाया जा रहा: HC

वकील की इस दलील को सुनने के बाद न्यायमूर्ति वैष्णव ने पूछा कि क्या मांसाहारी भोजन बेचने वालों को निशाना बनाकर अतिक्रमण हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा- ”अगर वस्त्रपुर लेक के पास फेरी वाले अंडे बेच रहे हैं और रातों-रात सत्ता में आई पार्टी ने तय कर लिया है कि हमें अंडे नहीं खाने हैं और हमें इसे रोकना है, तो क्या आप उन्हें हटा देंगे। आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? ”

भेदभाव करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई: HC

न्यायमूर्ति वैष्णव ने कहा, अपने नगर आयुक्त को यहां उपस्थित होने के लिए कहें। इस तरह के लोगों के साथ भेदभाव करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई?” गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए एएमसी को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि उसे याचिकाकर्ताओं का सामान जल्द से जल्द वापस करना होगा।


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