बिहार के कोसी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में ‘युवा हल्ला बोल’ टीम का दौरा जारी है। संगठन की एक टीम प्रभावितों की समस्यायों और परेशानी को समझकर उचित स्तर पर उठाने का काम कर रही है। इसीके अंतर्गत ‘युवा हल्ला बोल’ ने इन इलाकों में नावों की कमी और राहत शिविरों की बदहाल स्थिति का मुद्दा उठाया है।
कोरोना और बाढ़ की दोहरी मार को देखते हुए ‘युवा हल्ला बोल’ ने वायरस के संक्रमण की चिंता जताई और प्रशासन से इसपर किसी भी तरह की लापरवाही न करने की अपील की है।
बिहार में बाढ़ कोई नई बात नहीं, हर साल यहीं स्तिथि होती है लेकिन इस बार कोरोना जैसी महामारी भी है लेकिन पटना-दिल्ली में बैठी सरकारों को इन समस्याओं से कुछ लेना देना नहीं है। लोगों के घर जलमग्न है पर तभ भी जिले में बाढ़ घोषित नहीं करी जाती है जिससे राहत कार्य में कोई मदद नहीं होती pic.twitter.com/fVDFKIISqf
— Yuva Halla Bol (@yuvahallabol) August 5, 2020
नावों की पर्याप्त संख्या न होने के कारण एक नाव में ही कई लोग सवार होने को मजबूर हैं जिससे “दो गज दूरी” जैसे सुझाव मज़ाक बनकर रह जाते हैं। साथ ही, ‘युवा हल्ला बोल’ के सदस्यों ने ये भी पाया कि बाढ़ से पीड़ित लोग न मास्क पहन पा रहे, न ही अपने हाथों को वायरस-मुक्त रखने के उपाय कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना संकरण बढ़ने का भय बना हुआ है। बिहार के इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था भी दयनीय है। इसलिए संक्रमण बढ़ने की सूरत में भारी तबाही मच सकती है।
‘युवा हल्ला बोल’ की टीम ने बाढ़ राहत शिविरों का भी दौरा करके तैयारियों का जायज़ा लिया। टीम में मौजूद कई शिविरों की स्थिति इतनी बदहाल थी कि उनका उपयोग सिर्फ पशुओं को बांधने के लिए किया जा रहा। ऐसे वक्त में जब लाखों की आबादी बाढ़ की विभीषिका झेल रही है तो राहत शिविरों की दुर्दशा चिंता का विषय है।
बिहार सरकार से @yuvahallabol ने अपील किया है कि जितना ध्यान वो मुम्बई में लगा रही है, उतना ही प्रदेश के बाढ़ पीड़ितों की परेशानी दूर करने पर भी लगाए।
जलमग्न इलाकों में नावों की कमी के अलावा बाढ़ राहत शिविरों की ऐसी दुर्दशा है कि कोई इंसान तो रह नही सकता सिवाए पशुओं को बांधने के। pic.twitter.com/J7p1VVkVl3
— Anupam | अनुपम (@AnupamConnects) August 5, 2020
‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम ने बिहार सरकार से अपील किया है कि प्रदेश की सरकार आजकल जितना ध्यान मुम्बई में लगा रही है उतना ही बाढ़ पीड़ितों की परेशानी दूर करने पर भी लगाए। नावों की पर्याप्त व्यवस्था कराई जाए, राहत शिविरों को दुरुस्त किया जाए और बाढ़ के साथ साथ कोरोना संक्रमण से भी बचाव के उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
युवा हल्ला बोल’ के अतुल झा द्वारी जारी विज्ञप्ति पर आधारित