तमिलनाडु के कुन्नूर के पास बुधवार को भारतीय वायुसेना का विशेष विमान MI17V5 हादसे का शिकार हो गया। इस विमान में देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 12 अन्य अधिकारी मौजूद थे। हादसे की जानकारी के बाद भारतीय वायुसेना प्रमुख को मौके पर पहुंचने के लिए कहा गया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है कि दुर्घटना में शामिल 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई है। मरने वाले 13 लोगों में सीडीएस रावत और उनकी पत्नी भी शामिल थे। डीएनए जांच से शवों की पहचान की जा रही है। हालांकि पहले सीडीएस रावत की स्थिति पर कुछ नही कहा गया था। इस हादसे के बाद, रक्षा मंत्री सीडीएस रावत के आवास पर गए और उनकी बेटी से मुलाकात की। आज शाम साढ़े छह बजे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक होगी।
पहले तीन लोग हेलिकॉप्टर से कूदे..
बताया जा रहा है कि स्थानीय लोग सबसे पहले दुर्घटनास्थल विमान पर सवार लोगों को बचाने के प्रयास में पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विमान पेड़ से टकराया था, आग लगने से पहले तीन लोग हेलिकॉप्टर से कूदे थे। कहा जा रहा कि खराब मौसम की वजह से ये हादसा हुआ है। वहीं, वायुसेना ने कहा है कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गये हैं। संवाददाताओं द्वारा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत से संबंधित हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बारे में पूछने पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि दुर्घटना के बारे में पूरी जानकारी संबंधित मंत्रालय द्वारा उचित समय पर साझा की जाएगी।
रक्षा मंत्री संसद में इस हादसे की पूरी जानकारी देंगे..
मालूम हो कि सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में इस हादसे की पूरी जानकारी देंगे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि Mi-17V5 हेलीकॉप्टर ने सुलूर से वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी थी और चालक दल सहित 14 लोग सवार थे। बताया जा रहा है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। वायुसेना ने कहा कि हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।
3 फरवरी 2015 में भी हुआ था रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश…
यह पहली बार नहीं है जब सीडीएस बिपिन रावत हादसे का सीकर हुए हों, पहले भी एक घटना 3 फरवरी 2015 में हुई थी, उस समय भी बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। तब बिपिन रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नहीं बने थे। बता दें कि बिपिन रावत को साल 2016 में सीडीएस नियुक्त किया गया था। बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत उस समय नागालैंड के दीमापुर में सेना के 3-कोर के हेडक्वार्टर के प्रमुख का नेतृत्व कर रहे थे। 2015 के हादसे में दिमापुर से रावत अपने चीता हेलिकॉप्टर में सवार होकर निकले, लेकिन कुछ ऊंचाई पर उनके चॉपर का नियंत्रण खो गया और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बताया जा रहा है कि यह हादसा पीछे इंजन के फेल होने की वजह से हुआ था। इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत ने मौत को मात दी थी। उस समय उन्हें मामूली चोटें आई थीं।
Mi-17V-5 में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक सफर करते हैं..
हादसे का शिकार हुआ Mi-17V-5 एक वीवीआईपी हेलिकॉप्टर माना जाता है, इसमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक सफर करते हैं। Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर का अधिकतम टेकऑफ वजन 13,000 KG है, यह एक साथ 36 सैनिकों को एकबार में लेकर उड़ान भर सकता है। यह हेलिकॉप्टर कई तरह के हथियारों से भी लैस बताया जाता है।
इस डबल इंजन हेलिकॉप्टर को Mi-8 एयरफ्रेम पर तैयार किया गया है। इस हेलिकॉप्टर को उष्णकटिबंधीय और समुद्री जलवायु के अलावा रेगिस्तानी उड़ानों के लिए भी काफी मुफीद माना जाता है। इसका निर्माण रूसी कंपनी कजान हेलिकॉप्टर्स करती है। इसमें नाइट विजन इक्विपमेंट, वेदर रेडार और ऑटो पायलट सिस्टम भी है। इसकी अधिकतम गति 250 किमी प्रतिघंटा है।