लखीमपुर खीरी कांड को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) प्रमुख शरद पवार ने केंद्र और यूपी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने बुधवार को केंद्रीय मंत्री टेनी के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी इस मामले में ज़िम्मेदारी लेने से नहीं कतरा सकते हैं। साथ ही शरद पवार ने केंद्रीय एजेंसियों के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता जताई है।
तो यूपी के मुख्यमंत्री बच सकते हैं और न ही केंद्रीय मंत्री
शरद पवार ने केंद्र और योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा, ”लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचला गया, केंद्रीय मंत्री के बेटे पर आरोप है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। सत्ता पक्ष को इस मामले में स्टैंड लेना चाहिए। इस मामले में न तो यूपी के मुख्यमंत्री बच सकते हैं और न ही केंद्रीय मंत्री। केंद्रीय मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।”
संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ” संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, चाहे वह सीबीआई हो या ईडी या फिर आईटी और एनसीबी, इसका इस्तेमाल कुछ पार्टियों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में पवार ने कहा, “अनिल देशमुख के घर कल पांचवी बार छापा पड़ा है। मुझे तो आश्चर्य होता है। एक ही घर मे पांच बार छापे की क्या जरूरत है? ये बात जनता को भी समझने की जरूरत है.”
छापों के जरिए हमें डराने की कोशिश
आयकर छापे पर एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘आज 6 दिन हो गए हैं, हमारे घर की महिलाओं के घरों पर आईटी छापेमारी शुरू हो गई है। जब मैंने केंद्रीय अधिकारियों से जानकारी ली तो मुझे बताया गया कि इतनी लंबी कार्रवाई शायद ही कभी चलती है। उन्होंने आगे कहा, ”फिलहाल जो मेहमान आए हैं हम उनका ख्याल रख रहे हैं। लेकिन अगर कोई मेहमान जाने का नाम ही नहीं ले रहा है तो क्या करें?” एनसीपी प्रमुख ने अजीत पवार, अशोक चव्हाण और सुभाष देसाई के करीबी सहयोगियों पर छापेमारी का हवाला दिया और कहा कि ये एजेंसियां मुख्य लक्ष्य के इर्द-गिर्द घूमती नज़र आ रही हैं। यह हमे डराने की कोशिश है।
जब तक ऊपर से आदेश न आए तब तक घर नही छोड़ना
पवार ने यह भी खुलासा किया कि आयकर अधिकारियों ने उनके रिश्तेदारों से कहा है कि ऊपर से आदेश हैं कि जब तक बताया न जाए तब तक उनका घर नही छोड़ना है। पवार ने कहा कि सरकारी एजेंसियों का इस तरह का गलत इस्तेमाल देखने को मिल रहा है।
पवार ने आर्यन खान मामले को लेकर भी उठाए सवाल…
शरद पवार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एनसीबी ने बहुत कम मात्रा में ड्रग्स को जब्त किया है। इसकी तुलना में राज्य के एंटी नारकोर्टिक्स सेल ने बड़ी मात्रा में ड्रग्स को पकड़ा है। इसलिए राज्य एजेंसियों को बदनाम करना गलत है। शरद पवार ने आर्यन खान मामले को लेकर एनसीबी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि “किसी भी मामले में, पंचनामा के दौरान लिए गए गवाह की पृष्ठभूमि स्पष्ट होना आवश्यक है। लेकिन क्रूज़ रेड मामले में पेश हुए गवाह गोसावी खुद आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि इस मामले में उनका गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है।”
गौरतलब हैं कि पिछले दिनों पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय एजेंसियों पर बड़ा आरोप लगाया था। मुफ्ती ने कहा था कि बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को सिर्फ उनके सरनेम की वजह से केंद्रीय एजेंसियां निशाना बना रही हैं। महबूबा मुफ्ती ने यह आरोप 11 अक्टूबर को लगाया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि, “चार किसानों के कत्ल के आरोपी केंद्रीय मंत्री के बेटे पर कार्रवाई करके मिसाल पेश करने के बजाय, केंद्रीय एजेंसियां 23 साल की उम्र के लड़के के पीछे सिर्फ इसलिए पड़ी हैं क्योंकि उसका सरनेम खान है। न्याय की विडंबना है कि बीजेपी के कोर वोट बैंक को खुश करने के लिए मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है।”
Instead of making an example out of a Union Minister’s son accused of killing four farmers, central agencies are after a 23 year old simply because his surname happens to be Khan.Travesty of justice that muslims are targeted to satiate the sadistic wishes of BJPs core vote bank.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 11, 2021