दुष्यंत को ‘किसान या कुर्सी’ की चुनौती देने गये योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेता हिरासत में !

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मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा के सिरसा में विरोध प्रदर्शन और धरना कर रहे स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। हरियाणा किसान मंच के अध्यक्ष प्रह्लाद भारुखेडा को भी हिरासत में लिया गया है। योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा कि “सिरसा में किसान आंदोलन के मोर्चे से पुलिस ने मुझे डिटेन कर लिया है। बाक़ी किसान साथियों को भी डिटेन कर सिरसा थाने में ले आए है”।

योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के सवालों से डरी हुई है, इसलिए अब वो विरोध को दबाने के लिए पुलिस दमन का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि “चौधरी देवी लाल की विरासत का दावा करने वाले उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व मंत्री रणजीत सिंह से हरियाणा के किसानों का सवाल कल भी यही था और आज भी यही है: “या कुर्सी चुन लो या किसान!”

इसके बाद एक अन्य ट्वीट में योगेंद्र यादव ने कहा कि “अब पुलिस की हिरासत में बैठे 7 घंटे हो गए। पुलिस हमारे 7 स्थानीय नेताओं को गिरफ्तार कर बाकी को छोड़ना चाहती है। किसानों ने फैसला किया है कि या तो सभी किसानों को छोड़ा जाय या सबको गिरफ्तार किया जाय।

पासा पलट गया है, पुलिस प्रशासन पसोपेश में है”।

 

योगेंद्र यादव ने सिरसा थाने से जारी एक वीडियो अपील में कहा कि पंजाब से जो चिंगारी चली है, अब वो हरियाणा पहुंच गई है। कल हजारों किसान दुष्यंत चौटाला के घर की तरफ मार्च किए, सिर्फ ये कहते हुए कि कुर्सी या किसान? तुम दोनों में से एक चुन लो। पक्का मोर्चे का ऐलान किया। पुलिस ने बैरीकेट लगाकर चौक में रोक दिया। किसानों ने कहा हम हिंसा नहीं करेंगे, यहीं बैठ जाएंगे। रात भर हम सभी वहीं बैठे रहे। लेकिन आज सुबह पुलिस ने अचानक हमला करते हुए धरने को तोड़ दिया। सभी किसानों व किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारा संदेश और संकल्प साफ है- ये पक्के मोर्चे के ऐलान है। मोर्चा चलता रहेगा। सिरसा और हरियाणा के बाकी किसानों के आह्वान है कि आप भी उसी चौक पर आओ, वहीं पर आकर धरना जारी रखो।

किसान दुष्यंत से पूछने पहुंचे थे- कुर्सी या किसान?’

दरअसल  मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान हरियाणा के डिप्टी सीएम व बिजली मंत्री के आवास का घेराव करने मंगलवार को सिरसा पहुंचे गए थे। किसानों ने सिरसा के दशहरा ग्राउंड में एक बड़ी रैली भी की। रैली में किसान नेताओं ने कहा कि आज हरियाणा का किसान पूछ रहा है कि अगर इन किसान विरोधी कानूनों से MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कोई खतरा नहीं है तो सरकार MSP को किसान का कानूनी हक क्यों नहीं बना देती? किसानों ने कहा कि अपने को चौधरी देवीलाल का राजनैतिक वारिस बताने वाले दुष्यंत चौटाला को चुनाव करना होगा- कुर्सी या किसान?

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किसान नेताओं ने कहा कि जब देश में एक भी किसान संगठन या किसान नेता मोदी सरकार के तीन किसान विरोधी कानूनों के साथ खड़े होने को तैयार नहीं हैं, तब चौधरी देवी लाल के राजनैतिक विरासत का वारिस होने का दावा करने वाले दुष्यंत चौटाला इनकी ढाल बनकर क्यों खड़े हुए हैं? सिरसा में किसान आज पूछ रहा है।

रैली में नेताओं ने किसानों से आह्वान किया कि वो अपने गांव के बाहर बैनर लगा कर घोषणा कर दें कि- “तीन किसान विरोधी कानूनों के समर्थक किसी भी मंत्री, एमपी या एमएलए का प्रवेश इस गांव में वर्जित है”।

रैली के बाद हजारों किसान डिप्टी सीएम और बिजली मंत्री के घर का घेराव करने बाबा भूमणशाह चौक पहुंचे। जहां पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इसके बाद किसान धरने पर बैठ गए। किसानो का धरना रात भर जारी रहा। लेकिन आज सुबह पुलिस ने धरना स्थल पर बल प्रयोग कर किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया।