गुजरात में 2002 में हुए गोधरा कांड के चौथे दिन मुस्लिमों के नरसंहार के बीच सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। घटना के सतरह साल बाद यह फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को आदेश दिया है कि वह बिलकिस बानो को एक सरकारी नौकरी और आवास भी मुहैया कराए।
2002 Gujarat riots case: Supreme Court today directed the Gujarat government to pay a compensation of Rs 50 lakh to gangarape survivour Bilkis Bano. Supreme Court also directed the Gujarat Government to provide Bilkis Bano, a government job and accommodation as per rules. pic.twitter.com/dcTTKuj5fi
— ANI (@ANI) April 23, 2019
इससे पहले गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो को 5 लाख रुपए के मुआवजे की पेशकश की थी जिसे बिलकिस बानो ने ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि बॉम्बे हाइ कोर्ट में दोषी सिद्ध होने के बावजूद उन पुलिस अफसरों को अब तक दंड नहीं दिया गया है जिन्होंने उनके मामले में जांच को खराब किया था। बीते 28 मार्च को बानो ने कोर्ट से जल्द अगली सुनवाई करने की अपील की थी जिसे अदालत ने मान लिया था।
Bilkis Bano who was gang raped in 2002 Gujarat Riots turns down Rs. 5 lakh compensation offered by Gujarat govt.
She says accused police officers who botched up investigation not punished yet despite conviction by Bom HC.
Seeks early listing of the case which has been allowed.
— Bar and Bench (@barandbench) March 29, 2019
28 मार्च की ही सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार से पूछा था कि उन छह पुलिसवालों के खिलाफ़ क्या कार्रवाई की जाये जिन्हें मुंबई उच्च न्यायालय ने बिलकिस बानो केस में लापरवाही बरतने का दोषी ठहराया है। इसका जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने गुजरात सरकार को दो हफ्ते का वक्त दिया था।
इस मामले में बॉम्ब हाइ कोर्ट ने 4 मई 2017 को सभी 20 आरोपितों को दोषी ठहराया था। निचली अदालत में साक्ष्य के अभाव में सात आरोपित छूट गए थे। अदालत ने कहा था कि इनमें से 11 दोषियों को तो फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
Supreme Court granted two weeks time to Gujarat government to decide as to what disciplinary action has to be taken against the six police personnel, who were indicted by state High Court for a botched up investigation into Bilkis Bano gang rape case during 2002 Gujarat riots.
— ANI (@ANI) March 29, 2019
गुजरात में मुसलमानों के कत्लेआम के दौरान बिलकिस और उनके परिवार पर एक ट्रक में छुपकर भागते वक्त 3 मार्च, 2002 को हथियारबंद दंगाइयों ने हमला किया था और बिलकिस बानो का गैंगरेप किया। इतना ही नहीं, उनकी दो साल की बच्ची को मार दिया गया। बिलकिस बानो के परिवार के कुल 14 लोगों को उस दिन मौत के घाट उतार दिया गया था लेकिन उन्हें बलात्कार के बाद मरने के लिए छोड़ दिया गया थ। तब बिलकिस बानो की उम्र सिर्फ 19 साल थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एमआइएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया है:
Bilqis Bano’s resilience & courage is a lesson for us
This is another case of Modi’s failure in discharging his constitutional duty to protect the life of every citizen. He not only failed in protecting Akhlaq, Junaid, Rohith but also in ensuring justice for their families https://t.co/Y7Dpdwot5F
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 23, 2019