रिंकू शर्मा हत्याकांड की दिल्ली पुलिस निष्पक्ष जांच करे, नफरत की राजनीति बंद हो- माले

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भाकपा माले ने कहा है कि रिंकू शर्मा की हत्या मामले की दिल्ली पुलिस निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच करे और विहिप व कई अन्य संगठन जो इस मामले को साम्प्रदायिक द्वेष और मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर रोक लगाए। माले के दिल्ली राज्य सचिव रवि राय ने कहा कि 10 फरवरी को दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रिंकू शर्मा की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या हुई। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पांच नौजवानों- ज़ाहिद, माहताब, नसीरुद्दीन, इस्लाम और ताजुद्दीन को गिरफ्तार किया है। आउटर दिल्ली के डीसीपी आधिकारिक तौर पर कह चुके हैं कि हत्या के इस मामले का कोई साम्प्रदायिक कारण नहीं है। रिंकु शर्मा की हत्या व्यापार में हुए विवाद का नतीजा थी।

रवि राय ने कहा कि यह वक्‍त पीडि़त परिवार के ग़म में शामिल होने और कानूनी तौर पर न्‍याय की मांग करने का है लेकिन स्थानीय विहिप और बजरंग दल ने इसे साम्प्रदायिक जिहाद का रंग देकर नफरत फैलाने का घिनौना काम शुरु कर दिया है। आरोपितों का मुस्लिम होना ही विहिप की घृणा की राजनीति के लिए काफी है। वे इसकी आड़ में वो मंगोलपुरी में साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। अखबारों की रिपोर्ट और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के बयानों से साफ है कि रिंकू शर्मा की हत्या बिजनेस के सिलसिले में हुए विवाद का नतीजा है। रिंकू शर्मा और हत्या के आरोपित एक दूसरे को बहुत अर्से से जानते थे और उनके आपस में अच्‍छे संबंध थे। लेकिन हालात को साम्प्रदायिक रंग देने पर आमादा विहिप इस झूठ को हवा दे रही है कि रिंकु शर्मा को इसलिए मारा गया क्योंकि उसने ”जय श्री राम” का नारा लगाया था।

माले राज्य सचिव ने कहा कि बहुत ही शर्मनाक है कि आम आदमी पार्टी विहिप की हिंसा और नफरत फैलाने की कोशिशों का पुरजोर जवाब देने की जगह खुद ही विहिप वाली भाषा बोल रही है। आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में विहिप के झूठे दावे को ही दोहरा दिया किया रिंकु शर्मा को इसलिए मारा गया किया कि वो “जय श्री राम” का नारा लगा रहा था। राघव ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के अंडर आने वाली दिल्ली पुलिस के चलते हिंदू भी सुरक्षित नहीं हैं। लोगों से शांति और सद्भावना का माहौल बनाने की अपील करने की जगह ये भी विहिप के नफरती अभियान का ही हिस्सा बन गए हैं। दिल्ली सरकार के तौर पर आम आदमी पार्टी ने हालात को शांत करने की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है और अब वो अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के साम्प्रदायिक एजेंडे पर ही उससे मुकाबला कर रही है।

रवि राय ने कहा कि विहिप ने मंगोलपुरी में एक जनसभा का आयोजन भी किया। वहां वक्ताओं ने बार-बार भड़काऊ भाषण दिए और सम्प्रदायिक जहर उगला। इस जनसभा में ज्यादातर इलाके से बाहर के लोगों ने शिरकत की। उन्हे उत्‍तर प्रदेश, राजस्थान और नजदीकी राज्यों से हिंसा भड़काने के मकसद से लाया गया था। इसके अलावा फरवरी 2020 के दंगों में अहम भूमिका निभाने और नफरत फैलाने में माहिर कपिल मिश्रा तथा आतंक-आरोपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी मंगोलपुरी गए और वहां भड़काऊ बयान भी दिए।

भाकपा माले सचिव ने कहा कि एक तरफ दिल्ली पुलिस ये कह रही है कि ये हत्या बिजनेस डील खराब होने की वजह से हुई है, और दूसरी तरफ वही पुलिस मंगोलपुरी में विहिप के साम्प्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिशों और आरोपितों के परिवारों को धमकाने की कोशिशों को चुपचाप देख रही है। दिल्ली पुलिस ने मंगोलपुरी में विहिप को जनसभा आयोजित करने की इजाज़त भी दे दी जबकि इसका मकसद भी इलाके में रहने वाले मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा भड़काना ही था।

क्राइम ब्रांच ने इस जांच को अपने हाथों में ले लिया है और अब अपना सुर भी बदल लिया है। वे कह रहे हैं कि वे इस हत्या की जांच ”हर एंगल से करेंगे”। ऊपर के आदेश और दक्षिणपंथी गिरोहों के दबाव के चलते पुलिस के बयानों में साफ बदलाव दिखाई पड़ रहा है।

भाकपा माले समेत वामपंथी पार्टियों व अन्‍य धर्म निरपेक्ष पार्टियों के नेताओं और इलाके के सम्मानित नागरिकों ने इलाके के एसएचओ, एसीपी और डीसीपी से मुलाकात की और इस बात पर जोर दिया कि इस हत्या की जांच बिल्कुल स्वतंत्र और निरपेक्ष हो और दोषियों को सजा मिले। पुलिस से ये भी कहा गया कि विहिप जैसे संगठनों को इलाके में हिंसा भड़काने की इजाज़त हरगिज नहीं दी जानी चाहिए। हत्या को साम्प्रदायिक रंग देने की साजिशों को रोकना और इलाके के बाहर से लोगों को लाकर यहां हिंसा भड़काने की कोशिशों को असफल करने की जिम्‍मेदारी पुलिस की है।

भाकपा माले की दिल्ली राज्य कमेटी दिल्ली के सभी नागरिकों और खासतौर पर मंगोलपुरी इलाके के निवासियों से अपील करती है कि वे रिंकू शर्मा की हत्या की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग करें और विहिप व भाजपा के नेताओं द्वारा इस दुखद घटना को नफरत और उन्माद फैलाने के मौके में न बदलने की कोशिशों को कामयाब न होने दे।