सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने डाबर के एक विज्ञापन को वापस लेने पर चिंता व्यक्त की और इसे सार्वजनिक असहिष्णुता (public intolerance) बताया। दरअसल, इस विज्ञापन में एक समलैंगिक जोड़े को करवा चौथ का त्योहार मनाते दिखाया गया था।
कानून के आदर्शों और वास्तविक स्थिति के बीच है अंतर..
राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से आयोजित नालसा के कानूनी जागरूकता के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि वास्तविक जीवन की स्थितियां दिखाती हैं कि कानून के आदर्शों और आज समाज की वास्तविक स्थिति के बीच बहुत अंतर है। उन्होंने कहा, दो दिन पहले आप सभी ने एक कंपनी का विज्ञापन देखा होगा, जिसे हटाना जरूरी हो गया था। यह एक समान लिंग वाले जोड़े के लिए करवाचौथ का विज्ञापन था।, जिसे सार्वजनिक असहिष्णुता के कारण इसे वापस लेना पड़ा। हमारे कानून में महिलाओं को अधिकार हैं, संविधान उन अधिकारों को मान्यता देता है।
समाज की मानसिकता बदलने के लिए जागरुकता लाएं पुरुषों की युवा पीढ़ी..
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने न केवल महिलाओं के मुद्दे पर बल्कि पुरुषों की युवा पीढ़ी को भी हमारे समाज की मानसिकता को बदलने के लिए जागरुकता लाने की बात कही। उन्होंने कहा जितना अधिक हम महसूस करेंगे कि महिलाओं के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक नुकसान हैं, उतना ही हम उनकी व्यक्तिगत और वास्तविक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे। महिलाओं के लिए सच्ची स्वतंत्रता वास्तव में विरोधाभासी है।
पितृसत्ता में निहित संरचनात्मक असमानताओं को दूर करता हैं हमारा संविधान..
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने ने कहा, हमारा संविधान एक परिवर्तनकारी दस्तावेज़ है जो पितृसत्ता में निहित संरचनात्मक असमानताओं को दूर करने का प्रयास करता है। महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की पूर्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम जैसे कानून बनाए गए हैं।
क्या था विज्ञापन में..
दरअसल, डाबर इंडिया लिमिटेड के प्रोडक्ट फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन में कंपनी ने करवा चौथ मनाते हुए एक समलैंगिक महिला जोड़े को छलनी से एक-दूसरे को देखते हुए दिखाया गया था। इसकी बहुतों ने प्रशंसा की, लेकिन हिंदू त्योहारों से संबंधित विज्ञापन के करण कंपनी को सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया भी झेलनी पड़ी, जिसके बाद कंपनी को उस विज्ञापन को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। बता दें मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने डाबर इंडिया को आपत्तिजनक विज्ञापन वापस लेने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी जारी की।हालांकि इसके बाद डाबर इंडिया ने अनजाने में लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए बिना शर्त माफी मांगी थी।