कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से लाखों प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. वो भूखे प्यासे अपने परिवार के साथ पैदल सड़कों पर चल रहे हैं. अपने घर के लिए निकल पडे़ लोगों की स्थिति को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाधी ने सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है जैसे व्यवस्था ने इनको त्याग दिया हो. इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने सरकार से मार्मिक अपील भी की है. उन्होंने कहा कि इन्हीं मजदूरों के श्रम से देश आगे बढ़ा है. भगवान के लिए इन्हें सड़कों पर ऐसे बेसहारा न छोड़िये.”
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है, “ देश की सड़कों पर त्राहिमाम की स्थिति है. महानगरों से मजदूर भूखे प्यासे, पैदल अपने छोटे छोटे बच्चों और परिवार को लेकर चले जा रहे हैं. ऐसा लगता है जैसे व्यवस्था ने इनको त्याग दिया हो. मई की धूप में सड़कों पर चल रहे लाखों मजदूरों का ताँता लगा हुआ है. रोज ऐक्सिडेंट हो रहे हैं. रोज ये गरीब हिंदुस्तानी मारे जा रहे जा रहे हैं.”
“इनके लिए सरकार बसें क्यों नहीं चलवा रही? यूपी रोडवेज की बीस हज़ार बसे खड़ी हैं. कृपया इन बसों को सड़कों पर उतार दीजिए. इन्हीं के श्रम से हमारे ये महानगर बने हैं, इनके श्रम से देश आगे बढ़ा है. भगवान के लिए इन्हें सड़कों पर ऐसे बेसहारा न छोड़िये.”
प्रियंका गांधी ने साथ में ये भी कहा कि “उत्तर प्रदेश की सभी जिला शहर इकाईयों से मेरा आग्रह है कि इन जरूरतमंद लोगों की मदद कार्य और तेज कर दीजिए. पूरी ताकत लगा दीजिए. ये सेवा का वक्त है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता इन हिंदुस्तानी भाइयों के साथ खड़ा है.
अंत में प्रियंका ने पुलिसकर्मियों के नाम अपील करते हुए, उनसे से एक विनती भी की है,
“मैं समझती हूँ आप पर काम का दबाव है. आप भी परेशान हो. मगर आपसे मेरी एक विनती है इन बेसहारा लोगों बल प्रयोग मत करिए. इनपर वैसे ही विप्पति टूटी हुई है. इनकी गरिमा की रक्षा कीजिए. “
..रोज ये गरीब हिंदुस्तानी मारे जा रहे जा रहे हैं। इनके लिए सरकार बसें क्यों नहीं चलवा रही? यूपी रोडवेज की बीस हज़ार बसे खड़ी हैं। कृपया इन्हें सड़कों पर उतार दीजिए। इन्हीं के श्रम से हमारे ये महानगर बने हैं, इन्हीं के श्रम से देश आगे बढ़ा है। 2/4
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 14, 2020
..अंत में पुलिस के भाइयों से एक विनती-
मैं समझती हूँ आप पर काम का दबाव है। आप भी परेशान हो। मगर आपसे मेरी एक विनती है इन बेसहारा लोगों बल प्रयोग मत करिए। इनसे वैसे ही विप्पति टूटी हुई है। इनकी गरिमा की रक्षा कीजिए। 4/4
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 14, 2020
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने एक प्रवासी महिला का वीडियो शेयर कर उन्होंने लिखा कि “थके हुए कदमों से ये किसका भविष्य खींचा जा रहा है? यूपी रोडवेज की बीसियों हजार बसें किस दिन के लिए हैं यदि हम विपदा के मारे इन हिंदुस्तानियों को घर भी नहीं ले जा सकते. आपके भाषणों से, पैकेजों से इनका भरोसा टूट चुका है. ये कदम अब अपने गाँव पहुँचकर ही रुकेंगे। इन्हें घर पहुँचाइए.”
थके हुए कदमों से ये किसका भविष्य खींचा जा रहा है?
यूपी रोडवेज की बीसियों हजार बसें किस दिन के लिए हैं यदि हम विपदा के मारे इन हिंदुस्तानियों को घर भी नहीं ले जा सकते।
आपके भाषणों से, पैकेजों से इनका भरोसा टूट चुका है। ये कदम अब अपने गाँव पहुँचकर ही रुकेंगे। इन्हें घर पहुँचाइए। pic.twitter.com/6NuTB13u8C
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 14, 2020
प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक ट्वीट को भी रिट्वीट किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि “अंधकार घना है कठिन घड़ी है, हिम्मत रखिए-हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं. सरकार तक इनकी चीखें पहुँचा के रहेंगे, इनके हक़ की हर मदद दिला के रहेंगे. देश की साधारण जनता नहीं, ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं… इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे.”
https://twitter.com/RahulGandhi/status/1260895626465665025
प्रियंका गांधी इसके पहले यूपी में श्रम क़ानूनों को बदले जाने पर भी तीखी प्रतिक्रिया दे चुकी हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम को प्रवासी श्रमिकों और गरीबों की स्थिति को लेकर एक चिट्ठी भी लिखी थी। पर दरअसल सवाल ये है कि किसी भी विपक्ष के नेता का बयान या चिट्ठी या ट्वीट वाकई सरकार गंभीरता से लेती भी है कि बस ये एक औपचारिकता बन कर रहा जाता है?