कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर आगामी यूपी विधानसभा 2022 चुनाव से पहले एक बड़ा ऐलान किया। प्रियंका ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव में 40% महिलाओं को टिकट दिया जाएगा। साथ ही प्रियंका ने कहा कि भविष्य में हम महिलाओं की भागीदारी को 50% तक बढ़ाने पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा हम जाति के आधार पर नहीं मेरिट के आधार पर महिलाओं को टिकट देंगे।
प्रियंका की महिलाओं से राजनीति में आने की अपील..
प्रियंका गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में लखनऊ की महिलाओं से राजनीति में आने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं महिलाओं के संघर्ष और दर्द को समझती हूं, इसलिए मैं चाहती हूं कि महिलाएं राजनीति में आएं। प्रियंका ने कहा कि ये फैसले उन सभी महिलाओं के लिए हैं जो संघर्ष कर रही हैं। प्रियंका ने लखीमपुर की एक लड़की का भी जिक्र किया, जिसने कहा था कि वह बड़ी होकर देश की प्रधानमंत्री बनना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह फैसला महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए है। उन्हें राजनीति में आगे लाने के लिए है। यह फैसला प्रयागराज के पारो के लिए है। यह फैसला चंदौली की बेटी के लिए है। यह फैसला उन्नाव की बेटी के लिए है। यह फैसला रमेश चंद्र की बेटी के लिए है। यह फैसला लखनऊ के एक वाल्मीकि समाज की लड़की के लिए है जो बेरोज़गार है।
पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस के लिए मंच पर पोस्टर लगाए गए थे। जिन पर लिखा था कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं।’ इसी मंच से प्रियंका ने कहा, यह फैसला यूपी की उन सभी महिलाओं के लिए है, जो बदलाव चाहती हैं, जो न्याय चाहती हैं, जो एकता चाहती हैं, जो चाहती हैं कि राज्य तरक्की करे। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज यूपी में महिलाओं की आवाज़ नहीं सुनी जा रही है। अगर महिलाएं राजनीति में आती हैं तो वे अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम होंगी। उन्होंने कहा, कोई आपकी रक्षा करने वाला नहीं है। आज घृणा का बोलबाला है, नफरत का बोलाबाला है. ये गलत है, इसे महिलाएं ही बदल सकती हैं। करुणा भाव, दृढता सबसे ज़्यादा महिलाओं में हैं। आप मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर राजनीति में आएं।
मेरा बस चलता तो महिलाओं को 50% हिस्सेदारी देती- प्रियंका गांधी
कांग्रेस के इस फॉर्म्यूले को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के सवाल पर प्रियंका ने कहा कि अगर मेरी बस चलती तो मैं महिलाओं को 50% भागीदारी देती। प्रियंका ने कहा कि अगर यूपी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी तो राष्ट्रीय स्तर पर भी भागीदारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा, इस फैसले के पीछे मुख्य सोच यह है कि महिलाएं एकजुट होकर ताकत नहीं बन पा रही हैं। उन्हें जाति और धर्म में बांटा जा रहा है। राजनीतिक दल सोचते हैं कि गैस सिलेंडर देकर, 2000 रुपये देकर महिलाओं को खुश करेंगे, लेकिन महिलाओं कर संघर्ष बहुत लंबा है।