गुरुग्राम के जैकबपुरा में 25 मई की रात को नमाज़ पढ़ कर लौट रहे एक 25 साल के मुस्लिम युवक पर कुछ लोगों ने हमला किया.उसे अपनी टोपी उतारने और जय श्री राम का नारा लगाने के लिए मज़बूर किया गया. इस हमले के शिकार हुए व्यक्ति का नाम मोहम्मद बरकर आलम है.
Gurugram: A man says he was assaulted in Sadar Bazar by 5-6 youths for wearing traditional skull cap last night; says, "One of them threatened me, saying wearing cap was not allowed in the area. I said I am coming back after offering namaz. They removed my cap & slapped me." pic.twitter.com/LQlJ8IZzLn
— ANI (@ANI) May 27, 2019
मोहम्मद बारकर आलम ने पुलिस में दाखिल एक शिकायत में आरोप लगाया है कि चार युवक सदर बाजार लेन में उससे मिले और उन्होंने उससे पारंपरिक टोपी हटाने के लिए कहा.
पीड़ित युवा ने कहा कि जब वह शाम की नमाज़ पढ़ कर लौट रहा था तब सदर बाज़ार में 5-6 लोगों ने उसे रोका और पारंपरिक टोपी पहनने पर आपत्ति जतायी और टोपी पहनने पर उसके साथ मारपीट की. पीड़ित युवक ने कहा कि “उनमें से एक ने मुझे धमकी दी, यह कहते हुए कि क्षेत्र में टोपी पहनने की अनुमति नहीं है. मैंने कहा कि मैं नमाज अदा करने के बाद वापस आ रहा हूं. उन्होंने मेरी टोपी हटा दी और मुझे थप्पड़ मार दिया.”
इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.
शनिवार को गुरुग्राम के जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के बाद मोहम्मद बरकत जब रात 10 बजे के आसपास अपनी दुकान पर लौट रहा था तभी आधा दर्जन लोगों ने उन्हें घेर लिया और उन्हें अपनी सिर की टोपी निकालने के लिए कहा.इस पर जब उन्होंने कहा कि वह नमाज पढ़ कर लौट रहे हैं तब भीड़ ने कहा कि यहाँ टोपी पहनने की इजाज़त नहीं है और उस पर हमला कर दिया.बरकत ने कहा कि उसे भारत माता की जय और जय श्री राम का जाप करने को भी कहा गया.इतना ही नहीं उनका आरोप है कि उनमें से एक व्यक्ति ने उन्हें सूअर का मांस खिलाने की भी धमकी दी.
अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है.
CCTV फुटेज के सामने आने के बाद पुलिस ने अपनी जाँच में पाया है कि पीड़ित मोहम्मद बरकत अली के साथ घटना वाली रात मारपीट ज़रूर हुई है थी, लेकिन न तो उसकी टोपी फेंकी गई और न ही उसकी शर्ट किसी ने फाड़ी गई थी.
सीसीटीवी की फुटेज देखने के बाद पुलिस को मुस्लिम युवक के आरोप निराधार नज़र आ रहे हैं.सीसीटीवी की फुटेज देखने पर सामने आया है कि युवक को आरोपी ने नहीं, बल्कि एक अन्य युवक ने रोका था. फुटेज में न तो शिकायतकर्ता युवक की टोपी फेंकी गई है. न ही उसके कपड़े फाड़ने की कोई घटना है.
पुलिस के अनुसार, कहासुनी के बाद दोनों में हाथापाई हुई थी, जिससे मुस्लिम युवक की टोपी गिर गई. ‘टोपी को उसने खुद ही उठाकर जेब में रख लिया था, किसी और ने उसे हाथ भी नहीं लगाया. हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि आरोपी बरकत अली की बाजू पर डंडा मारता नज़र आ रहा है.पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए 24 घंटे के अंदर 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली है. फुटेज में नज़र आ रहा है कि मारपीट के बाद मामला शांत हो गया था. झगड़ा होता देख पास ही झाड़ू लगा रहा व्यक्ति मौके पर पहुंचा, जिसने दोनों पक्षों को छुड़वा दिया और मामले को शांत करवा दिया.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कुछ असामाजिक तत्व छोटी सी मारपीट की घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यह शराब के नशे में मामूली मारपीट की घटना है. फुटेज को साफ करवाने के लिए लैब भेजा है, ताकि आरोपी की पहचान करवाई जा सके.
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी देश भर में गौरक्षा के नाम पर मुसलमानों और दलितों पर सैकड़ो हमले हुए और कई लोग मारे गये जिनमें अख़लाक़ और पहलू खान का नाम आज भी लोगों को याद है.
दूसरी पारी में ऐतिहासिक भारी बहुमत के साथ मोदी सरकार सत्ता में लौटी है और 23 मई की शाम को चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदीजी ने कहा था-दो से डबल हो गये हैं.
गुरुग्राम की घटना मोदीजी दूसरी पारी के एक सप्ताह के भीतर दूसरी घटना है. इससे पहले मध्य प्रदेश के सिवनी में गौ मांस की अफ़वाह पर राम सेना के नेता और उनके साथियों ने एक महिला समेत तीन मुसलमानों की बुरी तरह से पिटाई की थी.
दूसरी पारी में भारी बहुमत से विजयी हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन के केन्द्रीय हॉल में बीजेपी और घटक दलों के चुने हुए सांसदों को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने की बात कही थी.