देश में भ्रष्टाचार की नीव इतनी गहरी है कि कोई भी राज्य कह नहीं सकता कि उनके यहां भ्रष्टाचार खत्म हो गया या कम हो गया है। ट्रेन के टिकट से लेकर पानी की बोतल में ज़्यादा दाम लेने तक भ्रष्टाचार ही है और जिस हद तक भ्रष्टाचार सरकारी कामों में होता है, रिश्वत- घुस के नाम पर उतना शायद ही जनता को कहीं और लूटा जाता हो। मध्य प्रदेश का वीडियो इन दिनों जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमे मध्यप्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की विधायक रामबाई ने अपने क्षेत्र में भ्रष्टाचार को लेकर एक सभा लगाई। वीडियो में मजदूरों द्वारा अधिकारियों की रिश्वत लेने की शिकायत करने पर वह अधिकारियों को कहती नज़र आ रही है कि दाल में नमक बराबर रिश्वत ले सकते हैं क्योंकि मध्य प्रदेश में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी स्थिति चल रही है। हालांकि उन्हें मजदूरों से नौ-नौ हज़ार रुपए रिश्वत लेने में आपत्ति भी है।
पीएम आवास योजना के लाभार्थियों से रिश्वत,..
रामबाई वह है जिसके पति पर हत्या का आरोप है। समय-समय पर अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान करते हुए रामबाई के संवादों के वीडियो वायरल होते हैं और अभी जो वीडियो वायरल हो रहा है। वह विधानसभा क्षेत्र के झागर बरधारी सतुआ के एक घर के अंदर का है, जिसमें पीएम आवास योजना के लाभार्थियों के साथ दो कथित सरकारी कर्मचारी, पंचायत सचिव और रोज़गार सहायक को लेकर बातचीत का है।
1000-500 ले लेते आटे में नमक के बराबर चल जाता..
वीडियो में देखा जा सकता ही की गरीब मजदूर विधायक को बता रहे हैं की किस अधाकारी ने उनसे कितनी रकम ( रिश्वत) ली है, जिसके बाद अधिकारियों से बात करते हुए रामबाई वीडियो में कहती नज़र आ रही है की माना मध्य प्रदेश में ‘अंधेर नगरी चौपट राजा चल रहा है,’ लेकिन मजदूरों से 8 -9 हज़ार की रिश्वत नही लेनी चाहिए थी। वीडियो में रामबाई अधिकारियों को यह भी बता रही हैं कि उन्हें कितनी और कैसे रिश्वत लेनी चाहिए। विधायक ने यह भी कहा कि 1000-500 ले लेते आटे में नमक के बराबर चल जाता। इतना ज्यादा नहीं।
नौ हज़ार तक की राशि नही लेनी चाहिए थी..
ग्रामीणों ने जब सरकारी कर्मचारियों के सामने उनसे नौ हजार रुपये तक की राशि लेने का आरोप लगाया तो विधायक ने अधिकारियों को यह नहीं कहा कि लाभार्थियों से राशि क्यों ली? बल्कि कहा कि मजदूरों से इतनी राशि क्यों ली गई? वह वीडियो में कहती नज़र आ रही हैं, हजार रुपये ले लेते तो आपत्ति नही होती,उन्होंने कहा कि वह जानती है कि राज्य में अंधेर नगरी चौपट राजा चल रहा है, लेकिन तीन हजार, चार हजार से नौ हजार तक की राशि नही लेनी चाहिए थी।