मध्यप्रदेश की विधानसभा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट कराए जाने के दिए गए आदेश के बाद नाटकीय घटनाक्रम में जब गुरुवार रात बचे हुए 16 कांग्रेसी विधायकों ने स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति को इस्तीफा सौंप दिये, तब स्पीकर ने एक बात कही थीः
“न्यायपालिका ने जो कहा कार्यपालिका उसका पालन कर रही है, लेकिन संविधान चुप है.”
Kamal Nath has submitted his resignation to #MadhyaPradesh Governor Lalji Tandon. https://t.co/vKAmh2GXzQ pic.twitter.com/EsMqbVmTWS
— ANI (@ANI) March 20, 2020
यह कहते हुए विधायकों का इस्तीफे मंजूर कर लिया गया, लेकिन सबकी निगाहें शुक्रवार दोपहर दो बजे की आस में टिक गयीं कि सरकार अब गिरी कि तब गिरी. अल्पमत की सरकार चला रहे मुख्मंयत्री कमलनाथ ने किसी भी सस्पेंस का किसी को मौका नहीं दिया। वे फ्लोर टेस्ट के दो घंटे पहले दिन में 12 बजे मीडिया के सामने आये और अपने इस्तीफ़े की घोषणा कर डाली. .
Kamal Nath has submitted his resignation to Madhya Pradesh Governor Lalji Tandon. His letter states "All that has happened in Madhya Pradesh in the last two weeks is a new chapter in the weakening of democratic principles." pic.twitter.com/agzKBsdbxh
— ANI (@ANI) March 20, 2020
दोपहर 1.30 बजे राज्यपाल लालजी टंडन को औपचारिक इस्तीफ़ा देने से पहले कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस में भावुक होते हुए कहा- “मेरे 40 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने हमेशा विकास में विश्वास रखा है. भाजपा को 15 साल मिले. मुझे 15 महीने मिले. ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गये. प्रदेश का हर नागरिक गवाह है कि भाजपा को प्रदेशहित में किए गए मेरे काम रास नहीं आये.”
वे बोले, “बौखलाहट में वे मेरे खिलाफ साजिश करते रहे. आप सब जानते हैं कि महीने भर में जब हमारी सरकार बनी थी तो हर 15 दिन में भाजपा नेता कहते थे कि ये सरकार पंद्रह दिन-महीने भर की सरकार है.”
#WATCH live from Bhopal: Madhya Pradesh CM Kamal Nath holds a press conference https://t.co/qkAKxFzWVQ
— ANI (@ANI) March 20, 2020
आज मध्यप्रदेश की उम्मीदों और विश्वास की हार हुई है , लोभी और प्रलोभी जीत गए हैं ।
मध्यप्रदेश के आत्मसम्मान को हराकर कोई नहीं जीत सकता।
मैं पूरी इच्छाशक्ति से मध्यप्रदेश के विकास के लिए काम करता रहूँगा।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 20, 2020
कमलनाथ की प्रेस वार्ता के बाद शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया- “सत्मेव जयते!”
सत्यमेव जयते! https://t.co/yJO30wvRsg
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) March 20, 2020
मध्य प्रदेश का सारा सियासी संकट कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे से शुरू हुआ था. इसके बाद कांग्रेस के 22 विधायक बंगलुरु चले गये और उन्होंने भी इस्तीफ़ा दे डाला.
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के अन्य नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालते हुए फ्लोर टेस्ट कराने की मांग उठायी थी, जिसे शुक्रवार को दो बजे होना था लेकिन उससे पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफ़ा दे दिया।