दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के स्टूडेंट को बड़ी राहत दी है. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि छात्रों को फिलहाल पुरानी फीस के आधार पर ही रजिस्ट्रेशन करने की इजाजत दी जाए. अदालत ने कहा कि इन छात्रों से किसी भी तरह की लेट फीस भी नहीं ली जाएगी.
"Govt has to fund public education", Delhi High Court allows JNU students to register at old rates; no late fee to be imposed @JNUSUofficial #JNU https://t.co/UVYDrJTLf8
— Bar and Bench (@barandbench) January 24, 2020
नए फीस मैन्युअल पर जेएनयू प्रशासन, एमएचआरडी, यूजीसी को भी हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया. दिल्ली हाईकोर्ट में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष की याचिका पर एक घंटे से ज्यादा समय तक सुनवाई हुई.
Plea of JNUSU challenging IHA decision amending the hostel manual: Delhi HC grants interim relief to students of JNU. "As far as the remaining 10% students are concerned, they need to register within 1 week as per old manual. No late fee will be charged from them too", HC said. pic.twitter.com/ggdwZ7ABZQ
— ANI (@ANI) January 24, 2020
मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी. इससे पहले अदालत में जेएनयू छात्र संगठन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि फीस में बढ़ोतरी गैर कानूनी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जेएनयू की हाई लेवल कमेटी को होस्टल मैनुअल में बदलाव का अधिकार नहीं था.
HC issues notice to JNU on JNUSU President's plea challenging new hostel manual
— Press Trust of India (@PTI_News) January 24, 2020
कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रशासन को बढ़ी फीस वापस तो लेनी ही चाहिए जिन छात्रों से पैसे लिए हैं, उन्हें भी लौटाना चाहिए. उन्होंने ड्राफ्ट हॉस्टल मैनुअल पर कोर्ट से स्थगन की मांग भी की.
JNUSU Legal Update and Statement – 24/1/20.
We urge the JNU Admin not to try to bypass yet another court order. #FeesMustFall pic.twitter.com/wJfeYS9lnf
— JNUSU (@JNUSUofficial) January 24, 2020
जेएनयू प्रशासन ने अदालत से यह भी कहा कि इस मामले में एमएचआरडी, यूजीसी को भी पार्टी बनाया जाना चाहिए. क्योंकि दोनों के साथ छात्रसंघ लगातार फीस बढ़ोतरी पर बातचीत कर रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए. बातचीत से अगर हल निकलता है तो ठीक है वरना कोर्ट आखिरकार इस पर अपना फैसला सुनाएगा.
मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.
बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने हॉस्टल फीस में भारी इजाफा किया था.विश्वविद्यालय की ओर से फीस में इजाफा किए जाने के बाद छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया था.