डालमिया को लाल किला दिए जाने पर इंडियन हिस्‍ट्री कांग्रेस ने जतायी चिंता, जारी किया बयान

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लाल किला पर इंडियन हिस्‍ट्री कांग्रेस का वक्‍तव्‍य


इंडियन हिस्‍ट्री कांग्रेस इस घोषणा से बहुत चिंतित है कि देश के एक अहम राष्‍ट्रीय स्‍मारक लाल किला का संरक्षक डालमिया भारत नाम की सीमेंट कंपनी को बनाया जा रहा है, जिसके पास स्‍मारकों के रख्‍रखाव का कोई पूर्व तजुर्बा नहीं है। यह घोषणा भी की गई है कि ताज महल सहित दूसरे स्‍मारकों को भी इसी तरह निजी हाथो में सौंप दिया जाएगा।

जिन शर्तों पर डालमिया भारत के हाथों में लाल किला सौंपा गया है, वे बहुत व्‍यापक और चिंताजनक हैं। यह कंपनी ”निर्माण” कर सकेगी, ”लैंडस्‍केप” कर सकेगी (भूदृय में बदलाव) और यह एक ‘इंटरप्रिटेशन सेंटर” (व्‍याख्‍या केंद्र) भी संचालित करेगी।

इंडियन हिस्‍ट्री कांग्रेस पहले भी हुमायूं मकबरे के परिसर और आसपास के इलाकों में स्थित मुगल स्‍मारकों के बुनियादी ढांचे, साज-सज्‍जा और सजावट में दखल देने की आज़ादी के लिए आगा खान ट्रस्‍ट को मिली मंजूरी पर अपनी निराशा ज़ाहिर कर चुका है।

जिस तरीके से लाल किला का जिम्‍मा डालमिया भारत को दिया जा रहा है, वह और ज्‍यादा परेशान करने वाला इसलिए है क्‍योंकि कंपनी के पास स्‍मारकों के रखरखाव, संरक्षण, परिरक्षण और व्‍याख्‍या का कोई अनुभव नहीं है जिस पर वह दावा कर सके। इस भय का पर्याप्‍त आधार है कि पर्यटकों की ज्‍यादा संख्‍या को खींचने के लिए परिसर के भीतर मौजूद संरचना विशेष से जुड़ी गलत या अप्रामाणिक व्‍याख्‍या का प्रसार होने लगे। एक बार ऐसे दावे कर दिए जाते हैं जो कि संकीर्ण प्रकृति के हों, तो फिर उनसे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

इसीलिए यह ज़रूरी है कि या तो केंद्रीय पुरातत्‍व परामर्श बोर्ड अथवा विशेषज्ञों की कोई अन्‍य मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍था इस समूची व्‍यवस्‍था की निष्‍पक्ष समीक्षा करे और जब तक यह काम न हो, तब तक लाल किले का सौदा स्‍थगित रखा जाए।


इंडियन हिस्‍ट्री कांग्रेस की ओर से शिरीन मूसवी द्वारा जारी  


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