मशहूर भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता अजित साही को अमेरिका के प्रतिष्ठित ‘प्लूरलिस्ट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। आजकल अमेरिका में रह रहे अजित साही भारत के टीवी चैनलों और पत्र-पत्रिकाओं में काम कर चुके हैं। यह सम्मान भारत के वंचित-पीड़ित समूहों को इंसाफ़ दिलाने के लिए किये गये उनके साहसी प्रयासों के लिए दिया गया है।
पिछले महीने के अंत में वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वंत्रता सम्मेलन के दौरान आयोजित एक समारोह में अजित साही को यह सम्मान दिया गया। यह सम्मान देते हुए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के अमेरिकी राजदूत सैम ब्राउनबैक ने भारत के वंचित और धार्मिक समूहों के मानवाधिकारों और राजनीतिक अधिकारों के पक्ष में लगातार आवाज़ बुलंद करने के लिए उनकी सराहना की। वाशिंगटन डीसी में रह रहे अजित साही इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IMCA) के एडवोकेसी डायरेक्टर भी हैं जो मानवाधिकारों के पक्ष में सक्रिय एक महत्वूर्ण संस्था है।
अजित साही ने इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा इससे भारत के मुस्लिमों, ईसाईयों, दलितों और आदिवासियों के मानवाधिकारों के पक्ष में सक्रिय कार्यकर्ताओं को नयी पहचान मिलेगी।
अजित साही को ‘हिंदूज़ फॉर ह्यूमन राइट्स’ की ओर से ‘स्वामी अग्निवेश सम्मान’ और ‘मुस्लिम पब्लिक अफेयर्स काउंसिल ‘की ओर से ‘वॉयस ऑफ करेज अवार्ड’ भी मिल चुका है। साही मोदी सरकार के मुखर आलोचक हैं। उनका मानना है कि मोदी राज में संविधान और लोकतंत्र के मूल्यों को लगातार कुचला गया है जिसके नतीजे में भारतीय मुसलमानों और ईसाईयों पर हमले बढ़े हैं। तमाम निर्दोषों को मारा गया है, उन्हें जेलों में डाला गया है और उनके घरों को तोड़ा गया है।
‘सेंटर फॉर प्लूरलिज़्म’ के निदेशक माइक गौस ने अजित साही के चुनाव पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि एक हिंदू के रूप में वे उस भारतीय अमेरिकी समुदाय के अगुवा हैं जो भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और विविधता की रक्षा के लिए कड़ा संघर्ष कर रहा है।