अगर दुनिया भर में चर्चित स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा टूनबर्ग के ट्वीट के ख़िलाफ़ राजधानी दिल्ली की पुलिस एफआईआर दर्ज कर रही हो तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का ख़िताब रखने वाले भारत में लोकतंत्र की वास्तविक स्थिति अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है। विपक्ष या आलोचकों की ओर से उठते सवालों को जाने दें तो दुनिया भर के देशों में लोकतंत्र का तापमान मापने वाला ‘डेमोक्रेसी इंडेक्स’ भी यही कह रहा है। इसकी ताज़ा रिपोर्ट में भारत पिछले साल के मुक़ाबले दो अंक नीचे गिर गया है और पूरे मोदी राज का आकलन करें तो 2014 की तुलना में आज स्थिति लगभग आधी रह गयी है। इस इंडेक्स में 2014 में भारत की रैंकिंग 27 वीं थी जो 2020 में घटकर 53 वीं पर लुढ़क गयी है। इस इंडेक्स में नंबर एक पर नार्वे और अंतिम पायदान पर उत्तर कोरिया का नाम है।
‘द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट’ (ईआईयू) ने डेमोक्रेसी इंडेक्स जारी करते हुए कहा है कि भारत के सत्ताधारियों के के ‘लोकतांत्रिक मूल्यों से पीछे हटने’ और नागरिकों की स्वतंत्रता पर ‘कार्रवाई’ के कारण देश 2019 की तुलना में 2020 में दो स्थान और फिसल गया है। भारत 6.9 अंकों के साथ 2019 के लोकतंत्र सूचकांक में 51वें स्थान पर था और जो 2020 में घटकर 6.61 रह गये और वह 53 वें पायदान पर लुढ़क गया। 2014 में भारत की रैंकिंग 27वीं थी। भारत को 2014 में 7.29 अंक मिले थे जो अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन है।
‘डेमोक्रेसी इन सिकनेस एंड इन हेल्थ’ शीर्षक से जारी ईआईयू के ताज़ा ‘डेमोक्रेसी इंडेक्स’ में नॉर्वे को शीर्ष स्थान मिला है। इस सूची में आइसलैंड, स्वीडन, न्यूजीलैंड और कनाडा शीर्ष पांच देशों में शामिल हैं।
डेमोक्रेसी इंडेक्स में 167 देशों में से 23 देशों को पूर्ण लोकतंत्र, 52 देशों को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र, 35 देशों को मिश्रित शासन और 57 देशों को सत्तावादी शासन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। भारत को अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम और ब्राजील के साथ ‘त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।
ईआईयू की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘‘भारतीय नागरिकता की अवधारणा में धार्मिक तत्व को शामिल किया है और कई आलोचक इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष आधार को कमजोर करने वाले कदम के तौर पर देखते हैं।’’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के तरीके के कारण 2020 में नागरिक अधिकारों का और दमन हुआ।’’
भारत के पड़ोसियों में से श्रीलंका 68वें, बांग्लादेश 76वें, भूटान 84वें और पाकिस्तान 105वें स्थान पर रहा। श्रीलंका को भी त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र की श्रेणी में रखा गया है, जबकि बांग्लादेश, भूटान और पाकिस्तान ‘मिश्रित शासन’ के वर्ग में है। अफगानिस्तान 139वें स्थान पर है और उसे ‘सत्तावादी शासन’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।
ईआईयू की रिपोर्ट में एशिया और ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र के देश न्यूजीलैंड का चौथा स्थान बरकरार है, लेकिन इस क्षेत्र का देश उत्तर कोरिया अंतिम 167वें स्थान पर है। जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान 2019 की तुलना में इस सूची में ऊपर आ गये हैं। आस्ट्रेलिया का भी ‘पूर्ण लोकतंत्र’ का दर्जा बरकरार है। ऑस्ट्रेलिया इस इंडेक्स में नौवें स्थान पर है।
डेमोक्रेसी इंडेक्स में नॉर्वे 9.8 अंकों के साथ पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर आइसलैंड है जिसे 9.37 अंक मिले हैं। स्वीडन 9.26 अंकों के साथ तीसरे, न्यूज़ीलैंड 9.25 अंक के साथ चौथे और कनाडा 9.24 अंक के साथ पाँचवे नंबर पर है।
नीचे से पाँचवे यानी 163वें स्थान पर चाड है जिसे 1.55 अंक मिले हैं। 164 स्थान पर सीरिया को 1.43 अंक मिले हैं। 165वें स्थान पर केंद्रीय अफ्रीकन गणराज्य है जिसे 1.32 अंक मिले हैं। 166 वांँ स्थान कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य का है जिसे 1.13 अंक मिले हैं और सबसे आख़िरी यानी 167 वें स्थान पर उत्तर कोरिया है जिसे महज़ 1.08 अंक मिले हैं।