विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में और नीचे गिरा भारत..

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प्रेस स्वतंत्रता के मामले में भारत पहले ही पीछे था लेकिन अब विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में हम और नीचे आ गए हैं।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा भारत को 142वीं रैंक दी गयी है

अभी हाल ही में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की रिपोर्ट आयी है जिसमें भारत की रैंकिंग 142वें नंबर पर है। मंगलवार को आई इस रिपोर्ट में वार्षिक विश्लेषण के अनुसार भारत पिछले वर्ष में 140वें नंबर पर था लेकिन इस बार 2 पायदान नीचे आकर 142 वें नंबर पर आ गया है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स में भारत की रैंकिंग की बहुत बड़ी वजह कश्मीर भी रहा है। पिछले वर्ष अगस्त में भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर से विशेष दर्ज़ा समाप्त कर दिया गया था। जिसके बाद मीडिया को रिपोर्टिंग करने में बहुत सी समस्याएं सामने आई थी। आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही एक फेसबुक पोस्ट के चलते कश्मीर में फ़ोटो पत्रकार मसरत जहरा और द हिंदू के रिपोर्टर पीरज़ादा आशिक पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज़ किया गया है। यूएपीए कानून आतंकरोधी कानून है। इस कानून के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर 7 वर्ष तक की सज़ा दी जा सकती है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने इन दोनों की गिरफ़्तारी की निंदा की है साथ ही कहा है कि मुख्यधारा की मीडिया या फ़िर सोशल मीडिया पर लिखने पर इस कानून का उपयोग करना सत्ता का गलत प्रयोग दर्शाता है। ऐसा करके करके पत्रकारों में भय पैदा किया जा रहा है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया द्वारा लिखा गया पत्र

रिपोर्ट के अनुसार:

साल 2019 में भारत में किसी भी पत्रकार की हत्या नहीं हुई। वहीँ 2018 में 6 पत्रकारों की हत्या हुई थी। इस को देखते हुए मीडिया की सुरक्षा बेहतर ज़रुर हुई है लेकिन मीडिया की स्वतंत्रता का उल्लंघन खूब हुआ है।

रिपोर्टिंग के समय पत्रकारों को पुलिस की हिंसा सहनी पड़ी है। राजनैतिक दलों और अपराधियों द्वारा हमले भी किये गए हैं। साथ ही कई भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा भारत में पत्रकारों का अपमान भी किया गया।

रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि 2019 के चुनाव के बाद हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ाने का दबाव बनाया गया है।

भारत में उन पत्रकारों को सोशल मीडिया पर टारगेट किया गया, जिनकी किसी रिपोर्ट ने हिंदुत्व विचारधारा के अनुयायियों को परेशान किया या उनके ख़िलाफ़ कुछ लिखा गया।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के सर्वे में कुल 180 देशों की सूची है। सर्वे की रिपोर्ट में अफ़गानिस्तान को 122वें नंबर पर रखा गया है। श्रीलंका को 127वें नंबर पर, मालदीव को 79वें, नेपाल को 112वें, पाकिस्तान को 145वें नंबर पर और बांग्लादेश को 151वें नंबर रखा गया है।

रिपोर्ट में टॉप दस देश जिनमें मीडिया है सबसे ज्यादा आज़ाद: 

1-नार्वे

2-फ़िनलैंड

3-डेनमार्क

4-स्वीडन

5-नीदरलैंड

6-जमैका

7-कोस्टारिका

8-स्वीटजरलैंड

9-न्यूजीलैंड

10-पुर्तगाल