हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर केस में आरोपियों के एनकाउंटर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए महानिदेशक (डीजी, इन्वेस्टिगेशन) से कहा है कि वह इस मामले की जांच के लिए तुरंत एक टीम भेजे।
"Death of four persons in alleged encounter with the police personnel when they were in their custody, is a matter of concern for the Commission", NHRC said.
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एक एसएसपी की अध्यक्षता में आयोग के जांच प्रभाग की टीम से जल्द मौके पर पहुंचेगी और इस मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट भी सौंपेगी।
NHRC has asked its DG (Investigation) to immediately send a team for a fact finding on the spot investigation into the matter. The team of the Investigation Division of the Commission headed by an SSP, is expected to leave immediately and submit their report, at the earliest. https://t.co/s23llzMOE1
— ANI (@ANI) December 6, 2019
एनएचआरसी ने एनकाउंटर की खबर आने के बाद तुरंत इस मामले में संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि न्याय कानून के तहत होना चाहिए था।
Cyberabad CP, VC Sajjanar on NHRC taking cognizance of today's encounter: We will answer to whoever takes cognizance, the state govt, NHRC, to all concerned. https://t.co/jlRvnvRwd1
— ANI (@ANI) December 6, 2019
वहीं मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल ने हैदराबाद एनकाउंटर को ‘सुनियोजित हत्या’करार देते हुए चार सवाल उठाये हैं। पीयूसीएल की ओर से कहा गया है कि ये मामला एनकाउंटर नहीं बल्कि प्लान बनाकर की गई हत्या जैसा लगता है।
पीयूसीएल ने पूछा कि करीब 50 पुलिसवाले सीन रिक्रिएशन के लिये सुबह में तीन बजे घटनास्थल पर पहुंचे। आखिर सुबह तीन बजे का वक्त क्यों चुना गया?
दूसरा सवाल- आरोपी सात दिन से पुलिस हिरासत में थे। जाहिकर है उनके पास हथियार तो नहीं होंगे। उनके हाथ बांधकर और चेहरा भी ढंक कर लाया गया होगा। यही तरीका है आरोपियों को क्राइम सीन पर लाने का। ऐसे में सवाल है कि कैसे वो दौड़ सकते हैं ?
तीसरा सवाल ये है कि क्या किसी आरोपी ने पुलिस वालों पर फायरिंग की थी? आरोपियों की तरफ से ऐसा क्या हुआ कि पुलिसवालों को गोली चलानी पड़ी।
चौथा सवाल- आरोपियों के पास कोई हथियार नहीं था फिर भी अगर ऐसा स्थिति बन गई थी कि पुलिस वालों को गोली चलानी पड़ी तो गोली घुटनों के नीचे क्यों नहीं मारी गई। उनको ऊपर गोली क्यों मारी गई?
पीयूसीएल की ओर से कहा गया है कि यह एक तरह से सुनियोजित हत्या का मामला है। इसमें पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर हो और मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। साथ ही पीयूसीएल की ओर से कहा गया है कि इन पुलिसकर्मियों का महिमामंडन करना बंद होना चाहिए।
वहीं आज हैदराबाद पुलिस ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर एन्काउंटर पर अपनी सफाई दी।
#WATCH Telangana Police briefs the media on today's encounter https://t.co/wMljp3hapb
— ANI (@ANI) December 6, 2019
वहीं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने इस एनकाउंटर की निंदा करते हुए कहा है कि आरोपियों को कानून के जरिए सजा दी जानी चाहिए थी।
#WATCH Maneka Gandhi:Jo hua hai bohot bhayanak hua hai desh ke liye. You can't take law in your hands,they(accused) would've been hanged by Court anyhow. If you're going to shoot them before due process of law has been followed, then what's the point of having courts,law&police? pic.twitter.com/w3Fe2whr31
— ANI (@ANI) December 6, 2019