‘उन्नाव की बेटी’ की अंत्येष्टि आज, पिता ने मांगा ‘हैदराबादी’ इंसाफ़, कहानी उलझी

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उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के पिता ने उत्तर प्रदेश शासन की ओर से की गयी 25 लाख रुपये की पेकश को ठुकराते हुए कहा है कि उन्हें हैदराबाद जैसा इंसाफ़ अपनी बेटी के लिए चाहिए।

शनिवार को उन्नाव रेप कांड की पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गयी थी जिसके बाद उसकी लाश को उन्नाव ले जाया गया और प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी। राजधानी लखनऊ की सड़कों पर कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं ने काफी विरोध काटा, उधर कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी पीड़िता के घर हो आयीं।

इस बीच हैदराबाद की तर्ज पर उन्नाव के उन पांचों आरोपितों की जान लेने की मांग परवान चढ़ रही है जिन्होंने ज़मानत मिलने पर लड़की को जला दिया था। इनमें वे दो लड़के भी शामिल थे जिन पर बलात्कार का आरोप है।

आज लड़की की अंत्येष्टि है। उसे जलाने वाले पांचों आरोपी फिलहाल जेल में हैं। लड़की के पिता का कहना है कि पांचों को दौड़ाकर एनकाउंटर में मार दिया जाना चाहिए।

खून के बदले खून की इस मांग के बीच स्वतंत्र फिल्मकार दीपिका नारायण भारद्वाज ने मामले के काग़ज़ात के आधार पर सिलिसलेवार ट्वीट कर के एक अलग ही कहानी खड़ी कर दी है जो जन धारणा के विपरीत है। उनका कहना है कि लड़की से दो साल पहले रेप हुआ था, उसके बाद भी वह अपने बलात्कारी से विवाह करने को तैयार थी। जब लड़के के माता−पिता उसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हुए तब बलात्कार का केस फाइल किया गया।

भारद्वाज ने अपनी दलील के समर्थन में बलात्कार के आरोपित शिवम त्रिवेदी की बेल आँर्डर ट्विटर पर लगायी है। उनके मुताबिक जिन पांचों आरोपितों को बलात्कारी कह कर बुलाया जा रहा है उनमें शुरुआती केस दरअसल शिवम और शुभम के खिलाफ ही दर्ज किया गया था जबकि पांच में एक शिवम का पिता है। उन्होंने सवाल उठाया है कि शादी के वादे से जुड़े एक केस में पिता को बलात्कारी के रूप में शामिल क्यों किया गया।

दीपिका लिखती हैं कि अब तक यह साबित नहीं हो सका कि आरोपितों ने रेप किया, जलाया और पुलिस ने अब तक इस बारे में एक भी साक्ष्य जारी नहीं किया है। उन्हें डर है कि यूपी पुलिस भी कहीं हैेदराबाद पुलिस की तरह कदम न उठा ले।

दो दिन से स्थानीय अखबारों में उन्नाव रेप केस की कहानी की परतें खुल रही हैं। शिवम त्रिवेदी की बेल आँर्डर में जो कहानी सामने आयी है, उससे पता चलता है कि पीड़िता और शिवम के बीच नोटरी के काग़ज़ पर शादी का अनुबंध भी किया गया था। वे दो साल से साथ रह रहे थे। बताया गया है कि लड़के के माता पिता जब शादी के लिए राजी नहीं हुए तब रेप का केस दर्ज किया गया।

लड़के के परिवार वालों का कहना है कि जिस दिन पीड़िता को जलाया गया, शिवम और शुभम दोनों आरोपित मौके पर मौजूद नहीं थे। दि प्रिंट ने भी इस बात की पुष्टि परिवार के साथ बातचीत में की है।

फिलहाल, यह मामला राजनीतिक रूप से गरमा चुका है। इस बीच प्रदेश में एक और घटना कानपुर से सामने आयी है जहां एक बलात्कृत युवती ने शनिवार को खुदकुशी कर ली।

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्नाव प्रदेश में बलात्कार की राजधानी के रूप में उभर कर सामने आया है। यहां इस साल जनवरी से लेकर नवंबर के बीच बलात्कार के 86  मामले सामने आए हैं। यौन उत्पीड़न के 185 मामले इसी जिले में सामने आए हैं।

शनिवार को एक और खबर उन्नाव के हिंदूपुर इलाके से आयी है जहां रेप पीड़िता को जलाया गया था। वहां एक महिला ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उसने बलात्कार के प्रयास संबंधी एफआइआर दर्ज करने से यह कह कर इनकार कर दिया कि “रेप तो हुआ नहीं है, जब होगा तब आना”।


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