औसतन हर बरस बीस लाख करोड़ से ज्यादा का चूना, खनन माफिया देश को लगाते हैं।
देश में बेरोज़गारी दर 8-9 फ़ीसदी जा पहुँची है, और शिक्षित बेरोज़गारी दर 16 फ़ीसदी के आसपास है. साल 2018 में ही एक करोड़ से अधिक रोज़गार कम हुआ है.
आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है। इसका मक़सद सदियों से वंचित समुदायों को शासन-प्रशासन में हिस्सेदारी देकर उन्हें राष्ट्र का अंग होने का अहसास दिलाना है।
क्या संघ नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का विकल्प तलाश रहा है?
क्या 57 महीने की सत्ता भोगने के बाद कोई शर्म, कोई अपराधबोध नहीं है?
अभी हिंदी बोलने, पढ़ने वाले युवा में रीढ़ की वह हड्डी विकसित नहीं हुई है कि वह अपने लेखकों के औचित्य पर सवाल उठा सके
11-12 जनवरी को सत्ता ही रामलीला मैदान में जुटेगी, जहाँ से विपक्ष हुंकार भरता था।
जब नरेंद्र मोदी ने बाजारू और पूर्व जनरल वी.के.सिंह ने बतौर केंद्रीय मंत्री प्रेस को प्रेस्टीट्यूट कहा तो गिल्ड की आवाज़ क्यों नहीं फूटी थी ?
संजय बारु की यह स्थापना कि कांग्रेस में सत्ता के दो केन्द्र बने हुए हैं- एक मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मुक्त बाज़ार के हिमायतियों का और दूसरा सोनिया गाँधी के नेतृत्व में…
आम चुनाव के नोटिफेकिशन में सौ दिन से भी कम का वक्त बचा है।
विभिन्न विषयों के जानकार बनें। पर केवल गूगल ज्ञानी न बनें। जाने कि क्या करें।
आप का अपना सकारात्मक एजेंडा सामने नहीं आ सका और पंजाब में सरकार बनाने की हसरत धूल में मिल गई।
ममता बनर्जी ने इस फ्रंट के बारे में चुप्पी साध ली।
जितने किसान खुदकुशी करते हैं उससे दोगुना युवा-छात्र-बेरोजगार खुदकुशी करते हैं पर कहेगा कौन ?
बहुजन राजनीति के संदर्भ में साल भर का लेखाजोखा
यह पूरी योजना गरीब आदमी के हितों के नाम पर बड़ी पावर कंपनियों को लाभ में लाने की योजना है।
किसी षड्यंत्र के तहत कई दिन पहले मर चुकी गायों के कंकाल वहाँ लाये गए लगते हैं।
बुलंदशहर में साम्प्रदायिक भीड़ द्वारा पुलिस अधिकारी और एक युवक की हत्या पर तथ्यान्वेषी रिपोर्ट
मेघालय की एनपीपी-भाजपा सरकार 2014 से प्रतिबंधित इन कोयला खदानों को कानूनी वैधता दिलाना चाहती है।
सौ वाट का बल्ब फ्यूज़ हो रहा है तो ज़ीरो वाट के कई वल्ब भी एकसाथ सोचने लगे हैं कि रोशनी तो वह भी दे देगें।
मंत्रिपद की शपथ के साथ ही कवासी लखमा ने भी यह दोहराया कि बस्तर का विकास होगा और इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए गोली से नहीं बल्कि बातों से काम…
केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों ने इतने मनुष्यो को बचाने के लिए किया किया?
मेघालय की खदान में फंसे 15 मजदूरों पर शिलांग टाइम्स का अहम संपादकीय
प्रशांत टंडन #सुतली_बम : समाज आगे जा चुका है – पुलिस की कहानियां पुरानी पड़ चुकी हैं एक खबर हिन्दी के अखबारों के किसी कोने में आए दिन छ्पती रहती है कि कुएं की…
मोरारी बापू सही मायने में हिन्दू धर्म के प्रतीक हैं क्योंकि वे हिन्दू धर्म के समावेशी चरित्र को मजबूत कर रहे हैं