“पांच साल अकाल की तरह बीत गए”…नौकरी न मिलने से परेशान युवक ने की आत्महत्या!

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राजस्थान के धौलपुर शहर से एक दुखद खबर सामने आई है। जहां 28 साल के नमो नारायण मीणा ने सरकारी नौकरी ना मिल पाने की वजह से अपने घर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बीजेपी सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए नमो नारायण मीणा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि, “उस सरकार के पांच साल अकाल की तरह बीत गए, मैंने 2012 से इंतजार किया और अपने परिवार के पैसे बर्बाद करता रहा।”

परिवार का क्या कहना है…

नमो नारायण के परिवार का दावा है कि नमो नारायण अधर में लटके 1,000 लोगों में से थे। धनुष राम ने बताया कि जब तक नई भर्तियां आई तब तक नमो नारायण ने अपने जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी डिप्लोमा में जो अंक हासिल किए थे, वे कट ऑफ में नहीं आये।

आयुर्वेद नर्स यूनियन, राजस्थान के अध्यक्ष धनुष राम मीणा के मताबिक, अशोक गहलोत सरकार ने 2013 में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी नर्सों / कंपाउंडरों के लिए 1,600 रिक्तियों की घोषणा की थी। दिसंबर 2013 में चुनी गई नई बीजेपी सरकार ने इन रिक्तियों को भरने का वादा किया था, लेकिन बाद में इनमें से एक हजार को कम कर दिया गया और केवल 600 पदों को बाकी रखा गया जो 2018 तक भरे गए थे।


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