ये ख़बर फिलहाल, चर्चित डिजिटल समाचार प्लेटफॉर्म न्यूज़क्लिक के दफ्तर और संचालकों के घर पर पड़े छापे को लेकर – तात्कालिक तौर पर उपलब्ध तथ्य और सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर लिखी जा रही है। इस बारे में अधिक जानकारी हम, कुछ समय बाद दे सकेंगे।
मंगलवार की सुबह, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने चर्चित वेबसाइट और डिजिटल वीडियो प्लेटफॉर्म न्यूज़क्लिक के दफ्तरों पर छापा डाला है। दिल्ली के सैदुल्लाजाब इलाके में स्थित दफ्तर के अलावा वरिष्ठ प्रबंधन के घरों पर भी छापे की ख़बर मिली है। फिलहाल दफ्तर, रेड की कार्रवाई तक सील है और इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी जा रही है।
एक और वेबसाइट न्यूज़ लॉंड्री से ऑफ द रेकॉर्ड बातचीत में एक अधिकारी ने इसे रूटीन जांच बताया, हालांकि ईडी की इस तरह की जांच कितनी रूटीन होती है, इस बारे में कोई टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है। वहीं इसके विरोधाभासी एक बयान में द हिंदू से एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ये जांच ‘विदेशी धन की लांडरिंग को लेकर हो रही है’।
दोपहर 2.30 बजे के आसपास, पोर्टल के संपादक प्रांजल ने दो ईडी अधिकारियों के साथ, दफ्तर के बाहर आकर एक बयान दिया, जिसे रेकॉर्ड करने की इजाज़त मीडिया को नहीं दी गई। उन्होंने कहा, “सुबह से ये रेड चल रही है। हमको एक नोटिस दिखाया गया है और अभी हमारे दस्तावेज़ों की जांच चल रही है।” उन्होंने पुष्टि की कि वरिष्ठ प्रबंधन के घरों पर भी रेड की गई है – जिसमें एचआर हेड अमित चक्रवर्ती, प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और स्वयं प्रांजल शामिल हैं। (स्रोत – न्यूज़लॉंड्री)
रेड को लेकर उठे, विरोध के स्वर
इस छापे की ख़बर बाहर आते ही, इसको लेकर विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं। तमाम संगठनों और पत्रकारों ने इसे सरकार की ओर से – किसान आंदोलन समेत तमाम मुद्दों पर सरकार से सवाल करने की पत्रकारिता का परिणाम बताया है। मेनस्ट्रीम मीडिया के अधिकतर संस्थानों के सरकार की गोदी में बैठ जाने के बाद से, लगातार ऐसे पोर्टल ही हैं-जो फेक न्यूज़, भ्रामक प्रोपेगेंडा, साम्प्रदायिक और जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ पत्रकारिता का धर्म निभा रहे हैं। सीपीआई-एमएल पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने इस पर सीधे पीएम और गृह मंत्री को ज़िम्मेदार ठहराया है;
Modi & Shah continue to muzzle independent small media, that unlike Big Modia, insists on reporting on the Andolans – people’s movements – of our country. ED raid is on now at the @newsclickin office & the home of its owner Prabir Purkayastha and editor Pranjal. Shame!
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) February 9, 2021
तो वहीं इस प्लेटफॉर्म के लिए लगातार वीडियोज़ करने वाले पूर्व वरिष्ठ टीवी पत्रकार और अब डिजिटल मीडिया के सबसे लोकप्रिय पत्रकारों में से एक अभिसार शर्मा ने ट्वीट कर के, कुछ घंटे पहले इस रेड की सूचना सार्वजनिक की;
प्रवर्तन निदेशालय ने @newsclickin के दफ्तर और शेयर होल्डर्स के यहां रेड मारी है। इसी चैनेल के लिए आप मेरे शो ‘ बोल के लब आज़ाद हैं तेरे’ और न्यूज़ चक्र देखते हैं ।
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) February 9, 2021
वरिष्ठ पत्रकार और बहुजन अधिकार एक्टिविस्ट दिलीप मंडल ने भी इसे डरी हुई केंद्र सरकार का पैंतरा बताया है;
न्यूजक्लिक के ऑफिस मैं गया हूँ। छोटा सा ऑफिस। आधा दर्जन लोग काम करते हैं। ऐसे छोटे से मीडिया हाउस से केंद्र सरकार डर रही है और उस पर ईडी के छापे पड़ रहे हैं, यानी डर बैठ गया है सरकार में। TV चैनल सरकार की गा रहे हैं तो न्यूजक्लिक जैसे तो हज़ारों यूट्यूब चैनल सरकार की बजा रहे हैं।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) February 9, 2021
वहीं कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म की पंक्ति ‘बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे’ में ‘कि’ की जगह ‘क्यों’ के साथ ट्वीट किया;
Subjugate, Suppress & Stifle is the only mantra of Modi Govt as proved by ED raids on @newsclickin today.
Modi Govt wants to tell the media, particularly @abhisar_sharma & Pranjal -:
“बोल के लब क्यों आज़ाद हैं तेरे” !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 9, 2021
न्यूज़क्लिक लगातार जनपक्षधर पत्रकारिता करता रहा है और डिजिटल स्पेस में उसकी एक बड़ी पहचान और पाठक-दर्शक संख्या है। सरकारी नीतियों पर सवाल करने के अलावा इस संस्थान की हाल में चल रहे, किसान आंदोलन की कवरेज को भी काफी सराहा गया है। इसके संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ का समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को फैलाने को लेकर बेहद अहम काम रहा है। ऐसे में वाकई ये छापा अगर – सिर्फ आज़ाद मीडिया को डराने की कोशिश है, तो संस्थानों से ज़्यादा नागरिकों को सोचने की ज़रूरत है कि उनको ईमानदार और सच्ची पत्रकारिता चाहिए या नहीं…और अगर चाहिए तो उनको ऐसे सारे संस्थानों के साथ खड़ा होना होगा।