महुआ मोइत्रा केस: टीएमसी MP के केस पर रोक, न्यूज़ चैनेल के केस में सांसद को समन जारी !

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तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और ज़ी न्यूज़ द्वारा एक दूसरे के खिलाफ दायर की गई मानहानि की शिकायतों की दो अलग अदालतों में सुनवाई हुई. दिल्ली की एक अदालत ने ज़ी न्यूज़ और उसके संपादक के खिलाफ तृणमूल सांसद मोहुआ मोइत्रा द्वारा दायर मानहानि की शिकायत पर सुनवाई 18 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है.

ये मामले संसद में 25 जून को ‘सेवन साइन ऑफ फासिज़्म’ (फासीवाद के सात संकेत) पर मोइत्रा के भाषण और न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम तथा उसके बाद के घटनाक्रम से संबंधित है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राकेश सयाल ने मजिस्ट्रेट अदालत की कार्यवाही पर 18 अक्टूबर तक रोक लगा दी और मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर के लिए निर्धारित कर दी.

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सयाल समाचार चैनल और पत्रकार की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं.

जुलाई में, मोइत्रा ने ज़ी न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

15 जुलाई को, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रीति परेवा ने मोइत्रा की आपराधिक मानहानि शिकायत का संज्ञान लिया था.

सुधीर चौधरी ने मोइत्रा के भाषण को चोरी बताते हुए उन पर नकल के आरोप लगाया था. सुधीर ने बाकायदा इस पर एक शो भी किया और आरोप लगाया कि एक अमेरिकी राजनीतिक कमेंटेटर मार्टिन लांगमैन के शब्दों की चोरी महुआ मोइत्रा ने की है.

सुधीर चौधरी के आरोपों के बाद अमेरिकी कमेंटेटर मार्टिन लांगमैन खुद सामने आए और ट्विटर पर उन्होंने दक्षिणपंथ को गाली देते हुए महुआ मोइत्रा का पक्ष लिया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘मैं इंटरनेट पर भारत में भी चर्चित हो गया हूं, क्योंकि एक राजनेता पर मेरे शब्दों का प्रयोग करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है. यह एक हास्यास्पद हरकत है लेकिन दक्षिणपंथी ** का हर एक देश में पाया जाना समान है.’

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महुआ मोइत्रा को समन 

वहीं दूसरी अदालत ने सांसद को समन जारी किया है .अदालत ने कहा कि मोइत्रा के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं और उन्हें 25 अक्टूबर को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया.

मोइत्रा को समन करने का आदेश देते हुए अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत मोइत्रा के खिलाफ कार्यवाही करने के पर्याप्त आधार हैं.

कंपनी की ओर से पेश हुए वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि तीन जुलाई को मोइत्रा ने कंपनी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया. उन्होंने जानबूझकर कई तुच्छ, झूठे, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक बयान दिए. टीवी द्वारा एक कार्यक्रम प्रसारित करने के बाद मोइत्रा ने यह बयान दिया था और इसे ‘अपमानजनक’ बताया था.