अपनी नहीं तो अपने पद और गोरखनाथ जी की गरिमा का खयाल रखें मुख्यमन्त्री- शाहनवाज़ आलम
पत्रकार को एनएसए लगाने की धमकी देने वाले गोरखपुर डीएम का ऑडियो किया जारी
बिना सहमति के जबरन मुसलमानों की जमींन छीनने का मामला
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ पर गोरखनाथ पीठ के पड़ोस में बसे मुस्लिम परिवारों पर दबाव डाल कर जमींन कब्ज़ाने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसे संत गोरखनाथ की शिक्षा के विरुद्ध धर्म विरोधी आचरण भी बताया है.
प्रदेश मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि गोरखनाथ मठ के दक्षिण पूर्वी कोने पर स्थित ग्राम टप्पा परगना हवेली के पास एक सौ पच्चीस सालों से बसे मुस्लिम परिवारों से जबरन अपनी मर्ज़ी से जमींन खाली करने की सहमति पत्र पर प्रशासन ने हस्ताक्षर करवा लिया है. उन्होंने कहा कि कई पत्रकारों से लोग एसडीएम द्वारा पत्र पर जबरन हस्ताक्षर कराने की बात रेकॉर्ड पर कह चुके हैं और मीडिया में इसकी खबरें भी चल रही हैं. लेकिन लोगों को न्याय दिलाने के बजाए डीएम विजेंद्र पांडियन न सिर्फ़ जबरन हस्ताक्षर कराने की बात को नकार रहे हैं बल्कि खबर चलाने वाले पत्रकारों पर ही उल्टे एनएसए लगाने की बात कर रहे हैं. उन्होंने दिल्ली स्थित एक मीडिया पोर्टल के पत्रकार को डीएम की धमकी वाला ऑडियो भी जारी किया है.
शाहनवाज़ आलम ने गोरखपुर डीएम को तत्काल निलंबित करने और पूरे प्रकरण की न्यायिक जाँच कराने की मांग की है.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुख्यमन्त्री जी को अपने पद और महान संत गोरखनाथ जी की गरिमा का खयाल रखते हुए ऐसे अनैतिक और लोकतंत्र विरोधी काम नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि योगी जी को ज़मीन क़ब्ज़ाने के बजाय अपनी जनता को कोरोना से बचाने के लिए होस्पिटल, ऑक्सीजन, और वैक्सीन की व्यवस्था करने में ऊर्जा लगानी चाहिए.
द्वारा जारी
शाहनवाज़ आलम
चेयरमैन, अल्पसंख्यक विभाग
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी
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