यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट के आंतरिक जांच पैनल ने क्लीन चिट दे दिया. जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी के पैनल ने यह फैसला सुनाया.
The three member in-house committee of the Supreme Court has found no substance in the sexual harassment allegations against Chief Justice of India Ranjan Gogoi. pic.twitter.com/cG4yVB8ViR
— ANI (@ANI) May 6, 2019
फैसले के बाद शिकायतकर्ता महिला ने इसे अन्याय बताया है. एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का अंदेशा था. उन्होंने कहा, “मुझे जो डर था वही हुआ और देश के उच्चतम न्यायालय से इंसाफ़ की मेरी सभी उम्मीदें टूट गई हैं”.
ख़बरों के अनुसार इस रिपोर्ट की एक कॉपी जस्टिस रंजन गोगोई को भी सौंपी गई है. शिकायतकर्ता को रिपोर्ट की प्रति अभी नहीं दी गई है. रिपोर्ट सार्वजनिक भी नहीं की जाएगी.
पीडि़त महिला ने अपने प्रेस नोट में कहा है “मैं, महिला शिकायतकर्ता, एक पूर्व एससी कर्मचारी हूँ, इस फैसले के बाद मैं डरी और सहमी हुई हूं कि तमाम साक्ष्य इन-हाउस पैनल के सामने रखने के बावजूद मुझे कोई न्याय नहीं मिला”.
शिकायतकर्ता महिला द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति नीचे है:
final press release 6th May 2019 (1)वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने ट्वीट कर ‘आम लोगों के हित में’ रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने की मांग की है.
#NotInMyName
This is a scandal
Indira Jaising v Supreme Court of India was also a case of sexual harassment by a sitting High Court of Karnataka.It is a pre RTI case and is bad in law
Demand the disclosure of the findings of the enquiry committee in public interest https://t.co/Saw07mBPhV— Indira Jaising (@IJaising) May 6, 2019
महिला ने कहा कि रिपोर्ट देखे बिना वो ये नहीं जान सकतीं कि उनके आरोपों को किस बुनियाद पर ख़ारिज किया गया है. शिकायतकर्ता आंतरिक समिति के समक्ष दो बार पेश हुईं पर तीसरी बार पेश होने से इनकार कर दिया था. शिकायतकर्ता महिला का कहना था कि उन्हें समिति के सामने अपने वकील के साथ पेश होने की अनुमति नहीं मिली है.
उच्चतम न्यायालय के तीन जजों के इन हाउस पैनल (आंतरिक जांच समिति) द्वारा चीफ जस्टिस गोगोई को क्लीनचिट दिए जाने के बाद कुछ महिला संगठनों,वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस फैसले के विरोध में पीड़िता के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के बाहर 7 मई को सुबह 10:30 बजे प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज कर दिया था. जस्टिस गोगोई ने यह भी कहा था कि उनके खिलाफ़ लगाये गये आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित हैं साथ ही उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका ख़तरे में है.