लोकसभा में पेश हुआ CAB, गृहमंत्री ने कहा बिल अल्पसंख्यक विरोधी नहीं, पक्ष में पड़े 293 वोट

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सड़क से संसद तक भारी विरोध के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को पेश कर दिया. इस विधेयक को सदन में पेश करने से पहले कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के विरोध को ख़ारिज करते हुए शाह ने कहा कि ये बिल कहीं पर भी इस देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है.

गृह मंत्री ने कहा कि 1971 के बाद भी आज बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जा रहा है, युगांडा से आए हुए लोगों को कांग्रेस शासन में जगह दी गई, तो इंग्लैंड वाले लोगों को क्यों नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अगर आर्टिकल 14 के आधार से चलें तो अल्पसंख्यकों के लिए स्पेशल एक्ट क्यों होगा. वहां पर क्यों नहीं नियम लागू करते हैं.

अमित शाह ने कहा कि हर किसी ने आर्टिकल 14 के बारे में बात कही है, लेकिन ये आर्टिकल कानून बनाने से नहीं रोक सकता है. ऐसा नहीं है कि पहली बार नागरिकता के लिए इसका निर्णय हो रहा है, 1971 में इंदिरा गांधी ने निर्णय लिया कि बांग्लादेश से जितने लोग आए हैं उन्हें नागरिकता दी जाएगी, तो फिर पाकिस्तान को लेकर क्यों नहीं दी जाएगी.

लोकसभा में नागरिकता बिल पेश होगा. पेश होने के लिए जो वोटिंग हुई उसमें 293 हां के पक्ष में और 82 विरोध में वोट पड़े. लोकसभा में इस दौरान कुल 375 सांसदों ने वोट किया.

अमित शाह ने कहा कि यह बिल 0.001 फीसदी भी अल्पसंख्यक विरोधी नहीं है.

अमित शाह ने कहा कि यदि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन न किया होता तो आज इस बिल की जरुरत नहीं होती.

अमित शाह ने कहा कि हर किसी ने आर्टिकल 14 के बारे में बात कही है, लेकिन ये आर्टिकल कानून बनाने से नहीं रोक सकता है. ऐसा नहीं है कि पहली बार नागरिकता के लिए इसका निर्णय हो रहा है, 1971 में इंदिरा गांधी ने निर्णय लिया कि बांग्लादेश से जितने लोग आए हैं उन्हें नागरिकता दी जाएगी, तो फिर पाकिस्तान को लेकर क्यों नहीं दी जाएगी.

अमित शाह ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश के संविधान के बारे में बताया और कहा कि ये तीनों इस्लामिक देश हैं. पार्टिशन के वक्त कई लोग इधर आए गए, तब नेहरु-लियाकत समझौता हुआ उसमें दोनों देशों ने अपने यहां अल्पसंख्यकों के अधिकार की बात हुई. भारत मे तो अधिकार मिले लेकिन इन तीनों जगह नहीं हुआ.

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये बिल संविधान के खिलाफ है और आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है. लेकिन इसी के जवाब में अमित शाह ने कहा कि जब वह बिल पर बात करेंगे तो हर सवाल का जवाब देंगे, बस आप वॉकआउट मत कर जाना.

बता दें कि बीते कुछ दिनों में लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस ने कई बार वॉकआउट किया है. एसपीजी बिल पर चर्चा के दौरान भी कांग्रेस ने वॉकआउट किया था.

बहस के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सेक्युलिरिज्म इस मुल्क का हिस्सा है, ये एक्ट फंडामेंटल राइट का उल्लंघन करता है. ये बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है. इस मुल्क को इस कानून से बचा ले लीजिए, गृह मंत्री को बचा लीजिए.

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा यह बिल संविधान की धारा 14 , 15, 21, 25 और 26 के खिलाफ है .

उधर आज असम, त्रिपुरा सहित पूरे देश में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है .


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