बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान सियासी तस्वीर को काफ़ी हद तक साफ़ कर देगा कि बिहार की गद्दी पर कौन बैठेगा , क्योंकि पहले और दूसरे चरण को मिलाकर दो तिहाई से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत इस चरण में तय हो जाएगी। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीट पर वोटिंग होगी, इसके लिए 1464 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहें है दूसरे चरण में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, नालंदा और पटना जिले की विधानसभा सीट शामिल हैं।
दूसरे चरण के मतदान से पहले बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी , देश भर के 45 सासंदो को दूसरे चरण के मतदान से पहले चुनावी प्रचार में उतारा गया था , वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 4 रैलियां की थी , गौरतलब हो कि लालू के लाल तेजस्वी यादव भी चुनाव प्रचार करने में पीछे नही रहें है दूसरे चरण से पहले तेजस्वी यादव ने एक दिन में 19 रैलियों को संबोधित कर अपने पिता का रिकॉर्ड तोड़ डाला था , तेजस्वी यादव एक दिन में औसतन 14 से 16 जनसभाएं कर रहें है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगभग एक दिन में तीन से चार जनसभा को संबोधित करते है।
इस चरण में महागठबंधन की तरफ से राजद 56 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस 24 और वामपंथी दल 14 सीटों पर चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहें है वहीं, नीतीश की अगुवाई वाले एनडीए की ओर से जेडीयू 43 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी है जबकि उसकी सहयोगी बीजेपी 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही है इसके अलावा बिहार चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल होनी वाली वीआईपी 5 सीटों पर मैदान में है , बिहार के सियासी भूमि में अकेले चुनाव लड़ने वाले चिराग पासवान की एलजेपी दूसरे चरण की 94 सीटों में से 52 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जिनमें से 43 प्रत्याशी जेडीयू के खिलाफ हैं इसके अलावा दो सीटों पर बीजेपी के खिलाफ भी एलजेपी प्रत्याशी मैदान मे हैं वहीं बसपा ने भी 33 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
दूसरे चरण में 27 सीटों पर बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधा लड़ाई है तो बीजेपी का कांग्रेस के साथ 12 सीटों पर और सीपीएम के साथ एक , सीपीआई के साथ दो और दो सीटों पर माले के साथ टक्कर है वहीं जेडीयू का 43 सीटों में से 25 पर राजद से सीधा मुकाबला है 12 सीटों पर कांग्रेस से जेडीयू दो-दो हाथ कर रही है वहीं , माले के साथ 2, सीपीएम के साथ तीन और सीपीआई के साथ एक सीट पर लड़ाई है।
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में 94 सीटों में से आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस ने मिलकर 70 सीटों पर जीत हासिल की थी, इनमें 33 सीटें आरजेडी, 30 सीटें जेडीयू और सात सीटें कांग्रेस ने हासिल की थी वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 22 सीटें जीती थीं , जिनमें 20 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी जबकि दो सीटें एलजेपी के खाते में गई थी। किंतु , इस बार के चुनाव में समीकरण बदल गए हैं जेडीयू और बीजेपी एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में हैं तो एलजेपी अलग चुनाव लड़ रही है वहीं जेडीयू के बिना चुनावी मैदान में उतरी आरजेडी पुराने नतीजे दोहराने के लिए कांग्रेस के साथ वामपंथी दलों का सहारा है बीजेपी और जेडीयू 2010 में मिलकर चुनाव साथ लड़े थे तथा जबरदस्त जीत भी हासिल किया था।
दूसरे चरण के चुनाव में कुछ प्रमुख चेहरे है जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है इस चरण में नीतीश सरकार के चार मंत्री चुनावी मैदान में है इनमें दो जदयू के तथा दो भाजपा के हैं जदयू के रामसेवक सिंह गोपालगंज के हथुआ से तो श्रवण कुमार नालंदा से तथा भाजपा के नंदकिशोर यादव पटना साहिब से तो मधुबन से राणा रंधीर चुनावी मैदान में कूदे हुए है तो वही समस्तीपुर जिले के हसनपुर सीट तेजप्रताप यादव चुनावी दंगल में हिस्सा ले रहे है। तेजप्रताप यादव ने इस बार अपनी सीट बदली है , उनके सामने लगातार दो बार से चुनाव जीतते आ रहे जेडीयू के राजकुमार राय है , लालू के छोटे बेटे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव का भाग्य भी इस चरण में तय होना है , तेजस्वी यादव वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे है वही लालू के समधी चंद्रिका राय भी जेडीयू के टिकट पर परसा विधानसभा से चुनावी मैदान में है इसी कड़ी में लालू प्रसाद यादव की बहू ऐश्वर्या राय ने भी अपने पिता चंद्रिका राय के लिए लोगों से वोट मांगा था और पिता के लिए रोड शो किया था, ऐश्वर्या लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की पत्नी है।
इसी तरह अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा पटना के बांकीपुर , शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी मधेपुरा जिले के बिहारीगंज , पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के भतीजे पप्पू सिंह वैशाली के लालगंज तथा हरियाणा के राज्यपाल सत्यपाल आर्य के पुत्र कौशल किशोर राजगीर विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमा रहे हैं, प्लूरल्स पार्टी की मुखिया पुष्पम प्रिया चौधरी का भाग्य भी इसी चरण में तय होना है , पटना के बांकीपुर विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरी पुष्पम प्रिया की राह आसान नही है उनके सामने भाजपा से नितिन नवीन है तो महागठबंधन से लव सिन्हा लड़ रहे है अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती और किसे खाली हाथ लौटा देती है यह तो फिलहाल 10 नवंबर को ही साफ होगा। लेकिन बिहार का चुनाव सत्ताधारी एनडीए ही नहीं – प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी आसान नहीं होने वाला है।
हर्षित श्रीवास्तव, Media Vigil की बिहार इलेक्शन टीम में इंटर्नशिप कर रहे हैं। वे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे हैं।