बिहार में 50 सेलिब्रिटीज़ पर दायर राजद्रोह का मुकदमा वापस होगा और मुकदमा करने वाले मुजफ्फरपुर के वकील सुधीर ओझा के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बिहार पुलिस ने बुधवार को यह फैसला लिया।
Bihar Police Closes Sedition Case Against Eminent Persons Who Wrote To PM About Mob Lynching https://t.co/qm5TY5976J
— Live Law (@LiveLawIndia) October 9, 2019
अंग्रेज़ी दैनिक दि हिंदू के मुताबिक मुजफ्फरपुर के एसएसपी ने कहा है कि फिल्मकार शयाम बेनेगल, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप सहित इतिहासकार राम गुहा जैसे कुल 50 नामचीन लोगों के खिलाफ लगे आरोप फर्जी हैं और शिकायतकर्ता वकील के खिलाफ कानूनी धाराओं में उपयुक्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने एक अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की शिकायत पर उन 50 जाने माने लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा दायर करने का आदेश दिया था जिन्होंने भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं के बढ़ते मामलों पर प्रधानमंत्री का ध्यान खींचते हुए उन्हें एक पत्र लिखा था।
खबरों के मुताबिक मुजफ्फरपुर के एसएसपी मनोज कुमार सिन्हा ने बुधवार को सदर पुलिस थाने को यह मुकदमा समाप्त करने का आदेश भेज दिया है।जल्द ही अदालत के समक्ष मामले की क्लोज़र रिपोर्ट जमाकर दी जाएगी।
यह मामला पिछले हफ्ते से तूल पकड़ता जा रहा था। राहुल गांधी और करीब 200 जाने माने लोगों ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। केरल से प्रधानमंत्री को डेढ़ लाख पत्र इस मामले में भोजे गये थे। कुछ विश्वविद्यालयों से भी पीएम को पत्र भेजे जा रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुछ दिनों पहले आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इस मामले में दखल देने का अनुराेध किया था।
दिलचस्प है कि भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उस वकील के द्वारा किए फर्जी मुकदमे का शिकार हो चुके हैं जिसने इस मामले में शिकायत की थी। बताया जाता है कि वकील ओझा इस तरह की निराधार शिकायतें करने के लिए कुख्यात हैं। मोदी ने मॉब लिंचिंग को लेकर एक ट्वीट भी एक दिन पहले किया था।
Killing by violent mob is deplorable & taking place for years but attributing to Bjp govt is https://t.co/GWEZwfZfNd a new name of mob lynching is a ploy of ultra left secularists who are bent upon giving a bad name to bjp govt.
— Sushil Kumar Modi (मोदी का परिवार ) (@SushilModi) October 8, 2019