देश में चल रहे लॉकडाउन के दौरान बिहार के अररिया से एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। इसमें एक व्यक्ति वर्दी में बिना वर्दी वाले व्यक्ति के सामने उठक बैठक कर रहा है और साथ ही एक तस्वीर में उस बिना वर्दी वाले व्यक्ति के सामने उसके पैरों में बैठकर माफ़ी मांग रहा है। जाँच के बाद पाया गया कि वर्दी वाला व्यक्ति होम गार्ड है और बिना वर्दी वाला व्यक्ति अररिया का जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार है। वर्तमान समय में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन न हो इसके लिए पुलिस और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सिर्फ़ अत्यंत ज़रूरी काम से ही किसी को कहीं आने-जाने की छूट दी जा रही है। इसी सिलसिले में अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए होम गार्ड ने वहां पास दिखाने की मांग की थी। जिसकी सज़ा उसे वहीँ कृषि अधिकारी मनोज कुमार के सामने उठक बैठक करा कर दे दी गयी। वहां मौजूद एक पुलिस अफ़सर ही उस होम गार्ड को बहुत बुरी तरह से डांटते हुए, सज़ा के रूप में उठक-बैठक करवा रहा है और बोल रहा है कि “हमारा बेईज्ज़ती करवाएगा ? सीनियर पदाधिकारी हैं ये।” इतना ही नहीं होम गार्ड से कृषि पदाधिकारी के पैरों में बैठा कर माफ़ी भी मंगवाई गयी। साथ ही वीडियो में कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को सुना जा सकता है कि वो उस चौकीदार को जेल भेजने की बात कर रहे हैं। इस घटना के बाद बिहार सरकार ने ASI गोविन्द सिंह को सस्पेंड कर दिया है और कृषि अधिकारी के खिलाफ़ विभागीय जाँच जारी है।
वर्दी की भी गरिमा नहीं रखी
लॉकडाउन का पास मांगने पर अपने पद के नशे में मनोज कुमार मानवता के साथ ही सामने वाले की वर्दी की गरिमा भी भूल गए। सबके सामने उस छोटे स्तर के कर्मचारी की इज्ज़त के साथ खिलवाड़ करने लगे। अहंकार में डूबे कृषि पदाधिकारी ने ये भी नहीं सोचा कि होमगार्ड सिर्फ़ अपनी ड्यूटी निभा रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद अररिया एसपी धूरत सायली का कहना है कि मामले की जाँच हो रही है और ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी ने कही कार्रवाई की बात
साथ ही वीडियो के वायरल होने के बाद राज्य के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने इस मामले में जल्द से जल्द एक्शन लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि “जिस तरह से चौकीदार को बेइज्ज़त किया गया वो अफ़सोस की बात है। कोई अधिकारी ये करके अपनी इज्ज़त बनाना चाहता है तो ये बहुत ही शर्मनाक है। किसी भी छोटे स्तर के कर्मचारी की भी उतनी ही गरिमा है जितनी किसी बड़े अधिकारी की। किसी भी व्यक्ति के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए। साथ ही जांच की रिपोर्ट आते ही हम उस पुलिस वाले के ऊपर भी उचित कार्रवाई करेंगे। यदि कोई भी गलती करता है तो उसे सज़ा दी जाएगी लेकिन उसकी एक प्रक्रिया है। हम ड्यूटी से भी डिसमिस करते हैं, अगर गलती पायी जाती है लेकिन किसी के सम्मान के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता है।”
कई नेता और अफ़सर अपने पद के गलत इस्तेमाल करते हैं
बिहार में ऊँचे पद पर बैठे लोगों का स्वयं को अलग समझना नया नहीं है। एक तरफ़ तो बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने दूसरे प्रदेशों द्वारा बस भेजकर, कोटा में तैयारी करने वाले छात्रों को गृह राज्य में वापस ले जाना, लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन लगता है तो वहीं दूसरी तरफ़ उनके विधायक को कोटा से अपने बच्चे को लाने के लिए वाहन पास उपलब्ध करा दिया जाता है।