बिहार में उफनाती नदियों से प्रदेश के 16 जिले पूरी तरह से प्रभावित हैं। पूर्वी बिहार की स्थिति लगातार भयावह हो रही है। कई नेशनल हाईवे पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है। सड़कों पर भी पानी भरा हुआ है बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हैं। गंगा और कोसी नदी के जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शहर और गांव दोनो बाढ़ की चपेट में हैं। अभी तक बाढ़ का पानी भागलपुर शहरी क्षेत्र और कहलगांव में आतंक मचा रहा था लेकिन बुधवार को नवगछिया में भी पानी घुस गया। यह गंगा और कोसी का पानी चारों ओर फैलने लगा है।
बाढ़ पीड़ित कुछ लोग कैंपों का सहारा ले रहे..
भागलपुर शहरी क्षेत्र के लोगों की परेशानी कीड़ी तरह कम होती नहीं दिख रही है। बाढ़ से परेशान कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। जिनके घर को निचली मंजिल में पानी है उनमें से कुछ लोग छत पर या ऊपर की मंजिल पर रह रहे हैं। प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत कैंप बनाए जिस है कुछ कैंपों में ही रह रहे है। अधिकारी लगातार कैंपों का निरीक्षण कर रहे हैं।
भागलपुर के 502 गांव बाढ़ की चपेट में..
भागलपुर जिले की बात करे तो यह के 502 गांव बाढ़ से ग्रस्त हैं। तकरीबन 8 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। वहीं 123 पंचायत और 15 प्रखंडों में बाढ़ का पानी फैला है और कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
हर दिन नए इलाके में घुस रहा पानी..
नवगछिया बाजार की खरनयी नदी में कोसी नदी का पानी गिर रहा है। ऐसे में नवगछिया बाजार में भी लोगों की परेशानी बाढ़ सकती है। मुंगेर व खगड़िया में भी बाढ़ से लोग परेशान है। बाढ़ का पानी हर दिन नए इलाके में घुस रहा है।
भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी पर ट्रेने ठप..
भागलपुर रेलखंड पर शनिवार से ट्रेनों का परिचालन ठप है। कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई ट्रेनों को या तो डायवर्ट किया गया है या शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। जमालपुर से ही भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी खुल रही है। भागलपुर के दोनों ओर 15 किमी एनएच पर दो से तीन फीट पानी बह रहा है। एनएच 80 पर वाहनों की आवाजाही भी एक सप्ताह से ठप है। जिला मुख्यालय से कई प्रखंडों का संपर्क कट गया है।
कटाव तेज होने से दर्जन भर घर नदी में समाए..
हालांकि , बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिविर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना जांच कराने को कहा है। कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों को आइसोलेशन में रखा जाए। अररिया के पलासी प्रखंड से बहने वाली बकरा नदी के जलस्तर में सोमवार से बढ़ौतरी ही हो रही है। बुधवार को तीसरे दिन भी कोई कमी नहीं आई। बल्कि कुछ सेमी की वृद्धि ही हुई है। अब भी निचले इलाके के आधा दर्जन गांवों में बकरी का पानी फैला हुआ है।
प्रशासन की ओर से जो मदद की जा रही है वह बाढ़ पीड़ितों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। पिछले 24 घंटे के भीतर रतवा नदी का कटाव तेज होने से दर्जन भर घर नदी में समा गए. कई घरों पर अभी भी कटाव का खतरा है। उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा है। यूपी में तो अब बाढ़ से राहत है लेकिन बाढ़ का पानी जब शहरों खास कर गावों से निकला था तो पीछे नुकसान और तबाही छोड़ गया था। अब बिहार का आलम भी कुछ ऐसा ही नजर आ रहा हैं।