असम: ‘अवैध अतिक्रमण’ हटाने के दौरान पुलिस फ़ायरिंग में दो की मौत, सामने आई बर्बरता की तस्वीर!

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असम में ‘अवैध अतिक्रमण’ हटाने गए प्रशासन और अतिक्रमणकारियों के बीच झड़प हो गई, जिसमे दो लोग मारे गए हैं। यह घटना असम के दरांग जिले की है जिसकी कुछ भयावह तस्वीरें और वीडियो सामने आई है। जिसमे पुलिस और एक फोटोग्राफर की बर्बरता देखी जा सकती है। वीडियो में, पुलिस अतिक्रमण हटाने गई लेकिन ग्रामीणों पर गोलियां चलाते नजर आ रहे हैं।

पुलिस पर है गोली मरने का आरोप..

दरअसल, 20 सितंबर को, असम सरकार के एक आदेश के बाद, दरांग जिले के सिपाझार में प्रशासन ने एक अभियान में लगभग 4,500 बीघा जमीन पर कब्जा करने वाले कम से कम 800 परिवारों को बेदखल कर दिया। पुलिस ने दोबारा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर गुरुवार को असम के दरांग जिले के एक इलाके से सरकारी ज़मीन से अतिक्रमणकारियों को बाहर निकालने के लिए अभियान चलाया था। इसके लिए सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया, क़रीब दो सौ परिवार के ख़िलाफ़ गुरुवार सुबह से बेदखली अभियान चलाया गया लेकिन इसी बीच हिंसा भड़क गई और वहां फायरिंग की घटना हुई। पुलिस ने पहले लाठियों का इस्तेमाल किया और फिर फायरिंग शुरू कर दी। आरोप है कि पुलिस ने विरोध कर रहे दो लोगों को गोली मार दी।

फोटोग्राफर की घिनौनी तस्वीर..

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहा है। जिसमे पुलिस लाठी लेकर भाग रहे एक ग्रामीण पर फायरिंग कर रही है। फायरिंग में जब ग्रामीण को गोली लगती है और वह गिरता है तो एक फोटोग्राफर उसके शरीर पर कूदकर उस पर हमला कर देता है। वीडियो में फोटोग्राफर गोली लगे शख्स को पीटता नज़र आ रहा है। इस जघन्य कृत्य का वीडियो वायरल होने के बाद असम पुलिस ने फोटोग्राफर बिजय बनिया को गिरफ्तार तो कर लिया है लेकिन वीडियो में असम पुलिस के जवान फोटोग्राफर को गले लगाते नजर आ रहे हैं। पुलिस द्वारा बर्बरता के इस विडियो की आलोचना की जा रही है।

राहुल गांधी ने कि आलोचना..

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर ट्वीट कर पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए उन्होंने लिखा, “असम में राज्य प्रायोजित आग लगी है. मैं राज्य में अपने भाइयों और बहनों के साथ खड़ा हूं. भारत की किसी भी संतान के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए.”

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मनमानी..

वहीं, असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अतिक्रमणकारियों पर पुलिस की फायरिंग को बर्बरता वाली कार्रवाई बताया है। कांग्रेस नेता ने बयान जारी कर कहा है कि कोविड महामारी के इस संकट के दौरान गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बेदखली अभियान को स्थगित करने का निर्देश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मनमानी के चलते 1970 के दशक से धौलपुर में बसे लोगों से जमीन खाली करवाई जा रही है। जबकि बेदखली से पहले सरकार को इन लोगों को कहीं और बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

आपको बता दें कि जिन सैकड़ों लोग जिनके खिलाफ असम सरकार ने ‘अवैध अतिक्रमण’ के नाम पर बेदखली अभियान चलाया है, इनमे सभी मुसलमान हैं। एक जानकारी के अनुसार सरकारी जमीन खाली करने के बाद सैकड़ों लोगों ने नदी के किनारे शरण ली है।

पुलिस ने कहा, 9 पुलिसकर्मी घायल..

इस मामले को लेकर दरंग ज़िले के पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्वा सरमा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अतिक्रमणकारियों ने बेदखली अभियान का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और हमला किया। जिसमें 9 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दो घायल नागरिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं। जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसकी जांच की जा रही है।