रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने और सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं ने, उन पर एफआईआर दर्ज करवाते हुए, उनकी गिरफ्तारी की मांग की ही थी कि इस बीच बुधवार रात अर्णब ने एक वीडियो रिलीज़ कर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अपने ऊपर हमले का आरोप लगाया है. इस वीडियो के आने के पहले ही छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में काग्रेस नेताओं ने अर्णब गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी. छत्तीसगढ़ में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने खुद अर्णब गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.
I have just filed a complaint against @republic's Editor-in-Chief Arnab Goswami in Raipur for deliberately making inflammatory statements on his channel to invoke hatred among different communities and using derogatory language against Congress President Smt Sonia Gandhi. pic.twitter.com/jCErsyN2gZ
— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) April 22, 2020
दरअसल रिपब्लिक टीवी के एक डिबेट में चैनल के संपादक अर्णब गोस्वामी ने पालघर की घटना के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनपर कई तरह के व्यतिगत और अमर्यादित आरोप लगाए थे. इस डिबेट शो में अर्णब गोस्वामी ने पालघर में हुई मॉब लिंचिंग की घटना को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की, जबकि महाराष्ट्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि ये घटना सांप्रदायिक नहीं है. खुद महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पालघर लिंचिंग मामले में गिरफ्तार 101 आरोपियों के नाम जारी किये हैं जिसमें कोई मुस्लिम नहीं है. लेकिन सारे तथ्य सामने होने के बावजूद अर्णब ने अपने शो पर बेहद अमर्यादित, अतार्किक टिप्पणियां करते हुए, बेशर्मी से इस कार्यक्रम का संचालन किया.
इस डिबेट शो के वायरल होने के बाद कांग्रेस के तमाम नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष पर अमर्यादित टिप्पणियां करने और सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने के लिए अर्णब गोस्वामी की कड़ी निंदा करते हुए उनके खिलाफ कार्यवाई की मांग की है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि अर्णब गोस्वामी ने सोनिया गांधी पर जो बयान दिया है वो बेहद निंदनीय है. गहलोत ने लिखा कि अर्णब ने अपनी सभी सीमाओं को लांघ दिया है. उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए. मैं एडिटर्स गिल्ड से पूछता हूं- क्या यह पत्रकारिता का सबसे गिरा स्तर नहीं है. राजीव चंद्रशेखर को उन्हें तत्काल बर्खास्त करना चाहिए.
Attack on mrs Sonia Gandhi by Arnab Goswami is highly condemnable. He has gone insane and crossed all limits, he should be ashamed of himself . I must ask the Editors guild – isn’t this all time low for journalism ? Mr Rajeev Chandrasekhar must sack him immediately.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 22, 2020
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अर्णब गोस्वामी के कृत्य की कड़ी निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि रिपब्लिक और आर भारत टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के इस अनर्गल बकवास को पत्रकारिता कह सकते हैं? यह तो सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का कुत्सित प्रयास है। न भाषा की मर्यादा न किसी की मान मर्यादा का ध्यान। यह तो अपराध है। संज्ञेय और दंडनीय अपराध। हमारे #रिपब्लिक का कानून फर्जी “रिपब्लिक” को सबक सिखाने में सक्षम है.
रिपब्लिक और आर भारत टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के इस अनर्गल बकवास को पत्रकारिता कह सकते हैं? यह तो सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का कुत्सित प्रयास है। न भाषा की मर्यादा न किसी की मान मर्यादा का ध्यान। यह तो अपराध है। संज्ञेय और दंडनीय अपराध।
हमारे #रिपब्लिक का कानून फर्जी..
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 22, 2020
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि सोनिया गांधी पर अर्णब गोस्वामी द्वारा किया गया हमला पूरी तरह शर्मनाक और अस्वीकार्य है. उन्होने कहा कि सोनिया गांधी जब 22 साल की थीं तक भारत आ गईं और 52 साल से यहां रह रही हैं. उन्होने अपना अधिकांश जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया है.
Ridiculous attack by Arnab Goswami on Sonia Gandhi Ji in derogatory language is totally shameful & unacceptable. She was 22yrs old when she came to India & has been living here for 52 years of which she has dedicated most of her life to the service of the country.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) April 22, 2020
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट पर कहा कि अर्नब गोस्वामी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर की गयी टिप्पणी बेहद निंदनीय और शर्मनाक है. कमलनाथ ने कहा कि अर्णब ने अपनी टिप्पणी से निष्पक्ष व स्वस्थ पत्रकारिता को शर्मसार किया है. इसके लिये उन्हें तत्काल माफ़ी माँगना चाहिये.
अर्नब गोस्वामी की कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी पर की गयी टिप्पणी बेहद निंदनीय , निम्नस्तरीय आचरण व बेहद शर्मनाक।
उन्होंने अपनी टिप्पणी से भारतीय संस्कारो व पवित्र रिश्तों का भी मज़ाक़ उड़ाया है।
1/2— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 22, 2020
कांग्रेस प्रवाक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि पत्रकारिता की गंद! बहुत शर्मनाक है कि पीएम और बीजेपी टीवी एंकरों के इस ब्रांड की सराहना करते हैं. एक अन्य ट्वीट में सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधान मंत्री जी, श्रीमती सोनिया गाँधी ने एक पत्नी, एक माँ और देश पर पति की क़ुर्बानी के बाद एक विधवा के तौर पर देश सेवा का फ़र्ज़ निभाया, क्योंकि ये उनका भी वतन है। गंदी व फूहड़ भाषा बोलने वाले आपके चाटुकार टी.वी पत्रकार चाहे यह न समझ पाएँ पर मर्यादा पुरुषोत्तम जनता पहचानती है.
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव ने भी ट्विटर पर अपने गुस्से का इजहार किया है. उन्होंने अर्णब गोस्वामी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
उधर बीजेपी अर्णब गोस्वामी के समर्थन में उतर पड़ी है. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट किया है कि सोनिया गांधी ना राम को पसंद करती हैं ना राम भक्तों को. इसलिए वो साधु संतों को साथ कैसे दे सकती हैं.
बीजेपी मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने भी अर्णब गोस्वामी का समर्थन किया है.
इस पूरे मामले को लेकर #ArrestAntiIndiaArnab हैशटैग के साथ ट्वीट किए जा रहे हैं. जो लगातार कई घंटे नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा. समाचार लिखे जाने तक इस हैशटैग के 10 लाख से ज्यादा ट्वीट हो चुके हैं.
और इसके कुछ ही घंटों के अंदर अर्णब गोस्वामी ने लाइव शो में सोनिया गांधी और कांग्रेस को चुनौती दी कि वे उन्हें गिरफ्तार कर के दिखाएं. लेकिन मामला यहीं पर नहीं रुका, अपने शो के बाद, देर रात अर्णब गोस्वामी एक बार फिर टीवी स्क्रीन पर थे, वो इस बार अपने वीडियो में थे, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर अपने ऊपर हमला करने का आरोप लगाया. इस आरोप में अर्णब सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाने पर ही नहीं रुके, बल्कि उन्होंने ये भी कहा कि हमलावरों ने ये भी कुबूला कि उनके ऊपर हमला सीधे सोनिया गांधी के कहने पर हुआ है. (देखें नीचे का वीडियो)
(वीडियो सौजन्य – रिपब्लिक टीवी)
इस वीडियो के आने के बाद, इस मामले के गुरुवार को और ज़्यादा गर्म होने की उम्मीद है. भारत में पत्रकारिता का स्तर और स्थिति क्या है, इस पर बहस लंबे समय से चल रही है, सुपारी पत्रकारिता पर भी बात हो ही रही है लेकिन बात इस बार कुछ ज़्यादा ही आगे जाती दिख रही है.