महाराष्ट्र में दुग्ध उत्पादकों का आंदोलन तेज़, AIKSCC का समर्थन

मीडिया विजिल मीडिया विजिल
ख़बर Published On :


अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने किसानों के दुग्ध बन्द आंदोलन का समर्थन किया है। किसान दूध पर प्रति लीटर 5 रूपये की सब्सिडी देने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही दुग्ध उत्पादक किसान, सरकार से दूध पाउडर के आयात पर रोक लगाने व दुग्ध पदार्थों पर जीएसटी लेना बंद करने की मांग कर रहे हैं। 250 किसान संगठनों की समन्वय समिति ने केंद्र और राज्य सरकारों को चेतावनी दी है कि दुग्ध किसानों की मांगें नहीं यदि मानी गई तो 9 अगस्त को देश भर में होने वाले राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध आंदोलन में दुग्ध उत्पादक किसानों के मुद्दे को शामिल कर राष्ट्रव्यापी आंदोलन को तेज किया जाएगा।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष व पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व में आज सफलता पूर्वक किये गए दुग्ध बन्द आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से मिल्क पाउडर का आयात तुरंत बंद करने तथा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दुग्ध उत्पादक किसान को प्रति किलो पर 30रू. का इंसेंटिव देने, दूध से बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थों पर से से जीएसटी खत्म करने के साथ साथ दूध पाउडर की समर्थन मूल्य पर खरीद कर 30 हज़ार मेट्रिक टन का बफर स्टॉक बनाने की मांग की है।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने दूध का रेट पानी की बोतल से भी कम होने को किसानों का अपमान बताते हुए कहा है कि महाराष्ट्र की तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा राजू शेट्टी के नेतृत्व में किये गए पिछले आंदोलन के बाद 5 रुपये लीटर देने का आश्वासन दिया था लेकिन किसानों को कोरोना काल में दूध का रेट 35रूपये लीटर से घटकर 17 रूपये प्रति लीटर मिल रहा है।

समन्वय समिति ने आशा व्यक्त की है कि महाराष्ट्र सरकार के साथ दुग्ध उत्पादकों की बातचीत में प्रति लीटर 5 रुपये के अनुदान की किसानों की जायज मांग को स्वीकार कर लिया जाएगा।

समन्वय समिति ने कहा है कि केंद्र सरकार ने दूध पाउडर का आयात शुल्क 60% से घटाकर 15% कर दिया है, 10 हज़ार टन का आयात किया गया। जिसके चलते दूध पाउडर का रेट 320 रुपये प्रति किलो से गिरकर 160 रुपये प्रति किलो पर आ गया है। उल्लेखनीय है कि देश मे पहले ही डेढ़ लाख टन पाउडर का स्टॉक मौजूद है।

समन्वय समिति ने कहा कि यह मुद्दा केवल महाराष्ट्र के किसानों का ही नहीं देश भर के किसानों से जुड़ा हुआ है । सरकारी आंकड़े  के अनुसार 8 करोड़  दुग्ध उत्पादक किसानों द्वारा  195 मिलियन मेट्रिक टन दूध पैदा किया जा रहा है।

250 किसान संगठनों ने केंद्र और राज्य सरकारों को चेतावनी दी है कि महाराष्ट्र के दुग्ध किसानों की मांगें नहीं यदि मानी गई तो 9 अगस्त को देश भर में होने वाले राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध आंदोलन में दुग्ध उत्पादक किसानों के मुद्दे को शामिल कर राष्ट्रव्यापी स्तर पर आंदोलन को तेज किया जाएगा।

समन्वय सामिति ने कहा है कि  एक तरफ सरकार आत्मनिर्भरता को लेकर नारेबाजी कर रही है दूसरी तरफ दुग्ध उत्पादक आत्मनिर्भर किसानों को पशु पालन छोड़ने के लिए मजबूर करने वाली नीतियां बनाई जा रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


मीडिया सेल, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा जारी विज्ञप्ति