![](https://mediavigil.com/wp-content/uploads/2021/05/mamta-sec.jpg)
पीएम मोदी की ज़िद ने केंद्र-राज्य संबंधो में गिरावट की एक और गिरह लगा दी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को सेवानिवृत्त मानकर अपना सलाहकार नियुक्त कर दिया। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने उन्हें दिल्ली आने का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने नौकरी ही छोड़ दी। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हरिकृष्ण द्विवेदी को बंगाल का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है।
दरअसल, अलपन बंदोपाध्याय को लेकर केंद्र व बंगाल सरकार के बीच ठनी हुई थी। पिछले दिनों पीएम की समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी मुख्य सचिव बंदोपाध्याय के साथ देर से शामिल हुईं और तुरंत लौट गयीं। इस घटना के कुछ घंटो बाद ही केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने मुख्य सचिव अलपन को दिल्ली प्रतिनुयिक्ति पर बुला लिया।
ममता केंद्र के इस आदेश को मानने को तैयार नहीं हुई। उन्होंने बंदोपाध्याय को रिलीव नहीं किया और पीएम मोदी को पत्र लिखकर यह आदेश वापस लेने का आग्रह किया। इसे केंद्र ने नामंजूर कर दिया। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने आनन-फानन में प्रशासनिक उलटफेर करते हुए बंदोपाध्याय को मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्ति कर उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया। वैसे बंदोपाध्याय 31 मई को ही रिटायर होने वाले थे, लेकिन ममता सरकार के आग्रह पर केंद्र ने उन्हें तीन माह का सेवा विस्तार दिया था। चार दिन पहले केंद्र ने उन्हें दिल्ली बुला लिया तो ममता ने उन्हें रिटायर मानकर अपना सलाहकार बना लिया।
ममता ने कहा-‘मैं अलपन बंदोपाध्याय को बंगाल नहीं छोड़ने दूँगी। वह अब मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार हैं। अब वह दिल्ली नहीं जायेंगे। केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना ज्वाइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिटलर, स्टालिन जैसे तानाशाहों की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
उधर, केंद्र सरकार अलपन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार उन्हें केंद्र का आदेश नहीं मानने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा जा सकता है।