PM की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर SC ने कहा- केंद्र व राज्य की समितियां नहीं करेंगी कोई कार्रवाई!

मीडिया विजिल मीडिया विजिल
देश Published On :


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे में हुई सुरक्षा में चूक का मामला कल सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा था। जिसके बाद अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार, 7 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि इस पूरे मामले की सुनवाई पूरी होने तक केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गठित समितियां मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेंगी। साथ ही कोर्ट में पेश दलीलों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम मोदी के पंजाब दौरे से जुड़े रिकॉर्ड को सुरक्षित करने का निर्देश दिया है।

तुरंत सहयोग करने और पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का निर्देश..

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली अदालत की पीठ ने पंजाब सरकार और पुलिस अधिकारियों सहित अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को तुरंत सहयोग करने और पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वहीं, सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मामले पर कहा गया कि इसने हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदा किया है। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनकर सामने आया है।

कमेटी पूरी तरह से खुली है, जांच के लिए किसी को भी नियुक्त कर सकते हैं: पंजाब सरकार

इस मामले में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हमने जांच कमेटी बनाई है। केंद्र द्वारा भी जांच कमेटी बनाई गई है। कमेटी पूरी तरह से खुली है। जांच के लिए किसी को भी नियुक्त किया जा सकता है।

राज्य के गृह सचिव भी जांच के दायरे में, इसलिए वह जांच पैनल का हिस्सा नहीं: केंद्र सरकार

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह मामला सीमा पार आतंकवाद का मामला है, इसलिए एनआईए अधिकारी जांच में मदद कर सकते हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ का एक वीडियो बुधवार को सामने आया था जिसमें इसी तरह की कार्रवाई की मांग की गई थी। पंजाब सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी पर केंद्र ने कहा कि इस मामले में राज्य के गृह सचिव भी जांच के दायरे में हैं। इसलिए वह जांच पैनल का हिस्सा नहीं हो सकते।

पंजाब पैनल जांच नहीं कर सकता तो केंद्रीय पैनल भी नहीं कर सकता: पंजाब सरकार

केंद्र द्वारा राज्य कमेटी पर उठाए गए सवाल पर पंजाब सरकार ने कहा कि हमें भी केंद्र द्वारा गठित कमेटी पर भरोसा नहीं है। अगर पंजाब पैनल जांच नहीं कर सकता तो केंद्रीय पैनल भी नहीं कर सकता। बेहतर होगा कि कोर्ट एक कमेटी का गठन करे। पंजाब सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता डीएस पटवालिया ने कहा कि अदालत जांच करने के लिए किसी अन्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश या अन्य अधिकारियों को नियुक्त कर सकती है। राज्य और केंद्र की दलीलों के बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गठित समितियां इस पूरे मामले की सुनवाई पूरी होने तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेंगी। इस मामले पर अब सोमवार को सुनवाई होगी।