लड़कियों का विवाह करने की सही उमर कानूनी तौर पर 18 साल है, लेकिन जल्दी ही यह 21 साल होने वाली है। दरअसल, सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन करने जा रही है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया।
सरकार संसद में पेश करेगी प्रस्ताव…
आपको बता दें कि मौजूदा कानून के मुताबिक, देश में पुरुषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं के लिए 18 साल है, लेकिन सरकार अब महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनकी शादी की उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से यह प्रस्ताव पास होने के बाद अब केंद्र सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन के लिए संसद में एक प्रस्ताव पेश करेगी।
पहले बच्चे के जन्म के समय बेटियों की उम्र होनी चाहिए 21 साल…
जून 2020 के महीने में सरकार ने इसे लेकर एक टास्क फोर्स का गठन भी किया था। टास्क फोर्स ने उसी साल दिसंबर में ही शादी की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। नीति आयोग में जया जेटली की अध्यक्षता में बने टास्क फोर्स ने इसकी सिफारिश की थी। नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल भी इस टास्क फोर्स के सदस्य थे। टास्क फोर्स ने कहा था कि पहले बच्चे को जन्म देते समय बेटियों की उम्र 21 साल होनी चाहिए। विवाह में देरी का परिवारों, महिलाओं, बच्चों और समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कानून पास होने के बाद खत्म हो जाएगा लड़का, लड़की के बीच उम्र का कानूनी अंतर..
दरअसल, आज जो लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है वह पहले ये नही थी। यह लंबे समय से चर्चा में रहा मुद्दा है की आखिर लड़कियों की शादी की उम्र कितनी हो? आजादी से पहले से ही लड़कियों की शादी की उम्र के लिए अलग-अलग न्यूनतम आयु तय की गई थी, लेकिन कोई ठोस कानून नहीं होने के कारण, 1927 में शिक्षाविद्, न्यायाधीश, राजनेता और समाज सुधारक राय साहब हरबिलास सारदा ने बाल विवाह को रोकने के लिए एक विधेयक पेश किया था। इस विधेयक में शादी के लिए लड़कों की उम्र 18 और लड़कियों के लिए 14 साल करने का प्रस्ताव था। 1929 में यह कानून बना जिसे सारदा एक्ट के नाम से जाना जाता है।
1978 में इस कानून में संसोधन किया गया और लड़कों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर 21 और लड़कियों के लिए 18 साल कर दी गई। पर अब सरकार लड़कियों के लिए इस सीमा को बढ़ाकर 21 साल करने पर विचार कर रही है। अगर संसद से यह कानून पारित हो गया तो लड़का और लड़कियों के बीच शादी की उम्र का कानूनी अंतर खत्म हो जाएगा।