भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) ने टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान अनुशासनहीनता के लिए स्टार महिला रेसलर विनेश फोगाट को ‘अस्थाई’ रूप से ‘निलंबित’ कर दिया है। विनेश फोगाट के ऊपर जो आरोप बताए जा रहे हैं, वे दरअसल अगर सच हैं तो बेहद ही भयानक अनुशासनहीनता के आरोप हैं। विनेश फोगाट, भारत की ओर से पदक की सबसे तगड़ी दावेदार थी लेकिन बेलारूस की पहलवान से हार गई थी।
विनेश 2 कॉमनवेल्थ रेसलिंग गोल्ड, 1 एशियन गेम्स का गोल्ड जीत चुकी हैं। वे गीता-बबीता फोगाट की चचेरी बहन हैं और कुश्ती कोच महावीर फोगाट की भतीजी हैं।
सूत्रों के मुताबिक विनेश को WFI ने नोटिस का जवाब देने के लिए 16 अगस्त तक का समय दिया है। इसमें जो अनुशासनहीनता के तीन आरोप लगाए गए हैं, वे बेहद गंभीर हैं। ये मुख्य रूप से 3 आरोप हैं;
विनेश फोगाट पर पहला आरोप – भारतीय दल के साथ खेलगांव में रहने से इनकार
विनेश फोगाट पर पहला आरोप ये है कि उन्होंने ओलंपिक खेल गांव में भारतीय टीम के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया। नियमों के मुताबिक ये खेल भावना के ख़िलाफ़ है और किसी भी खिलाड़ी को आपातकालीन परिस्थितियों के अलावा इस तरह की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हंगरी में ट्रेनिंग कर रही विनेश, अपने कोच वोलेर एकॉस के साथ सीधे हंगरी से टोक्यो पहुंची और उन्होंने कोविड19 का हवाला देते हुए, भारतीय दल के साथ ये कहते हुए खेल गांव में रहने से इनकार कर दिया कि ये खिलाड़ी भारत से आए हैं और इससे उनको कोरोना संक्रमण का ख़तरा हो सकता है।
विनेश फोगाट पर दूसरा आरोप – भारतीय कुश्ती दल के साथ प्रैक्टिस से इनकार
विनेश पर जो दूसरा आरोप बताया जा रहा है, वो ये है कि उन्होंने न केवल भारतीय दल के साथ और स्पोर्ट्स विलेज में रहने से इनकार कर दिया, बल्कि उन्होंने भारतीय दल के साथ प्रैक्टिस से भी इनकार कर दिया। इसके लिए भी उन्होंने कोविड संक्रमण का ही तर्क दिया। वो लगातार हंगरी के दल के साथ ही दिखी और ख़बर के मुताबिक एक दिन जब उनका और भारतीय कुश्ती दर की प्रैक्टिस का टाइम स्पलॉट टकराया तो उन्होंने उस जगह पर अभ्यास करने से इनकार कर दिया। इसको लेकर काफी हंगामे के होने की भी ख़बर है।
विनेश फोगाट पर तीसरा आरोप – भारतीय स्पॉंसर की जगह निजी स्पॉंसर की यूनीफॉर्म पहनी
विनेश फोगाट पर अनुशासनहीनता का तीसरा आरोप ये है कि उन्होंने बार-बार बताए जाने के बावजूद भारतीय दल के आधिकारिक स्पॉंसर शिव नरेश की यूनीफॉर्म पहनने से इनकार कर दिया। उन्होंने आधिकारिक प्रतियोगिता में भारत की ओर से भाग लेने के बावजूद अपने निजी प्रायोजक नाइकी की कॉस्ट्यूम पहनी। ये भी दरअसल भीषण अनुशासनहीनता का मामला है।
क्या कहना है WFI का?
Media Vigil ने भारतीय कुश्ती संघ के अंदरूनी सूत्रों से इस बाबत बात करने की कोशिश की है, जहां से सीधे तौर पर ये कहा गया, “इससे पहले हमने इस तरह का रवैया कम ही देखा है। खिलाड़ियों के बीच या अथॉरिटी के बीच मतभेद या कई बार बहस हो सकती है। लेकिन विनेश का पूरा रवैया अपने आप को स्टार मानकर, ख़ुद को नियम, फेडरेशन और ओलंपिक की खेल भावना से ऊपर मान लेना आख़िर कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है? उनका रवैया बेहद अहंकार भरा रहा है। वहां किसी को भी नहीं लगा कि वे भारत की ओर से खेलने आई हैं।”
हालांकि संभव है कि इस बाबत भारतीय कुश्ती संघ ख़ुद भी कोई बयान जारी करे, लेकिन माना जा रहा है कि विनेश के रवैये से न केवल भारतीय दल के खिलाड़ियों में भी काफी आक्रोश था – आईओसी ने भी भारतीय कुश्ती संघ से इस पर जवाब मांगा है। इसके बाद ही संभवतः ये कदम उठाया गया है।
क्या होगा अस्थायी निलंबन से?
विनेश फोगाट, WFI द्वारा अस्थाई रूप से निलंबित की गई हैं और इससे उनके डोमेस्टिक करियर पर फिलहाल अस्थाई रोक है। इसका मतलब ये है कि वे राष्ट्रीय चैंपियनशिप के अलावा भी किसी घरेलू चैंपियनशिप में नहीं खेल सकती हैं।
सोनम मलिक को नोटिस
विनेश के सस्पेंशन के अलावा पहलवान सोनम मलिक को भी फेडरेशन ने नोटिस भेजा है। उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने अपना पासपोर्ट लेने के लिए फेडरेशन के कार्यालय आने से इनकार कर दिया था और अधिकारियों से कहा था कि पासपोर्ट उनके घर पहुंचा देते।
एक अहम सवाल!
ज़ाहिर है कि ये फैसला, टोक्यो ओलंपिक के निपट जाने के बाद लिया गया। जबकि विनेश का ये दुर्व्यवहार, ओलंपिक के दौरान न केवल लगातार चलता रहा बल्कि साथी खिलाड़ियों के मनोबल पर इसका क्या असर पड़ा होगा – ये कुश्ती दल के और खिलाड़ी ही बता सकेंगे। सवाल ये है कि क्या अगर विनेश बेलारूस की पहलवान से हारकर, ओलंपिक में पदक दौड़ से बाहर न हुई होती और मेडल ले आती – तो भी क्या उनकी अनुशासनहीनता पर ऐसा फैसला होता? इसके जवाब के लिए हम भारतीय कुश्ती संघ के पदाधिकारियों को सवाल भेज चुके हैं और अभी जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं।